उत्तर प्रदेश के संभल के बाद अब वाराणसी के मदनपुरा इलाके में 40 साल से बंद पड़ा एक मंदिर सामने आया है, जिसे फिर से खोलने की माँग उठ रही है। इस मंदिर की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए मिली, जिसके बाद सनातन रक्षक दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुँचे और मंदिर को खुलवाने की कवायद तेज हो गई। बताया जा रहा है कि यह मंदिर करीब 150-250 साल पुराना है और इसके अंदर मलबा भरा हुआ है। इस मंदिर के बारे में स्कंद पुराण के काशीखंड में जिक्र है, साथ ही सिद्धतीर्थ कूप का भी जिक्र है, जो इस मंदिर के पास है।
कैसे सामने आया मंदिर का मामला
सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी सामने आई कि वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में एक बंद मंदिर है। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा को जब इस बारे में पता चला तो वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुँचे।
मंदिर को देखने पर पाया गया कि इसमें मलबा और मिट्टी भरी हुई है और लंबे समय से पूजा-अर्चना बंद है। इस मंदिर के अंदर मलबे में देव-विग्रह भी दबे हो सकते हैं। इस मंदिर के आसपास भयंकर तरीके से अतिक्रमण हुआ है। बिजली के तार लटके हैं। घरों के छज्जे मंदिर की दीवार से सटे हुए हैं। ये मंदिर करीब 40 फिट ऊँचा है और बीते 40 साल से बंद है। वहीं, मंदिर से सटे घर के गेट पर जमाल सन्स का बोर्ड भी लगा हुआ है।
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा, “यह मंदिर सनातन संस्कृति का प्रतीक है और इसे खोलने की पहल पूरी तरह शांतिपूर्ण है। हमने प्रशासन को इसकी जानकारी दी है और उनका पूरा सहयोग मिल रहा है। जल्द ही मंदिर की सफाई कराई जाएगी और पारंपरिक पूजा-अर्चना शुरू होगी। यह किसी प्रकार के विवाद का मुद्दा नहीं है बल्कि सनातन धर्म के गौरव की पुनः स्थापना का प्रयास है।”
अजय शर्मा का कहना है कि यह मंदिर भगवान शिव का हो सकता है। उन्होंने बताया कि नगर निगम और प्रशासन से इस मंदिर के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है ताकि इसे फिर से खोलकर साफ-सफाई के बाद पूजा-अर्चना शुरू की जा सके। उन्होंने मेयर और स्थानीय विधायकों से भी इस बारे में बातचीत की है। इस बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा गया है।
#WATCH | Uttar Pradesh: A locked structure, appearing to be a temple, found in a residential area of Varanasi. Police personnel deployed around the temple. Details awaited. pic.twitter.com/502swutXLh
— ANI (@ANI) December 17, 2024
क्या कर रही है पुलिस और प्रशासन?
मंदिर खुलवाने की माँग के बाद पुलिस और प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। दशाश्वमेध थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया कि यह मंदिर काफी समय से बंद है और इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस तैनात है। स्थानीय लोगों से बातचीत की जा रही है ताकि मंदिर को खोलने को लेकर किसी प्रकार का विवाद ना हो।
डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने कहा कि मंदिर सार्वजनिक स्थल पर है, और इसे फिर से खोलने के लिए स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की जा रही है। उनका कहना है कि मौजूदा स्थिति में इस मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाएगा।
#WATCH | Municipal Commissioner of Varanasi, Akshat Verma says, "Whatever action has to be taken, has to be done by the Police. I can't make a comment in this regard…Concerned department is taking action…" pic.twitter.com/fvmhDzB9Jx
— ANI (@ANI) December 17, 2024
स्कंद पुराण के काशीखंड में मंदिर का जिक्र
मदनपुरा में मिले इस मंदिर का जिक्र स्कंद महापुराण के चौथे खंड ‘काशीखंड‘ में आता है। काशीखंड में काशी की महिमा, उसके आधिदैविक स्वरूप और प्राचीन मंदिरों का विस्तार से वर्णन है। इसमें 100 अध्याय और 11,000 से अधिक श्लोक हैं, जो काशी के तत्कालीन भूगोल, परंपराओं, देवी-देवताओं और मंदिरों की कहानियों पर प्रकाश डालते हैं।
काशीखंड में ‘सिद्धतीर्थ कूप’ का भी उल्लेख है, जिसका अर्थ है एक ऐसा पवित्र कुआँ, जो सिद्धि प्राप्त करने का स्थान माना गया है। मंदिर के पास में ही सिद्धतीर्थ कूप भी है। स्कंद पुराण का काशीखंड वाराणसी की प्राचीनता और धार्मिक महत्व को सिद्ध करता है। शिवजी के महत्व और काशी में उनके वास की कहानियाँ इस ग्रंथ में दी गई हैं।