उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में विभाजन विभीषका स्मृति दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान का या तो भारत में विलय होगा या फिर हमेशा के लिए इतिहास से समाप्त हो जाएगा. महर्षि अरविंद ने 1947 में ही घोषणा करते हुए कहा था कि आध्यात्मिक जगत में पाकिस्तान की कोई वास्तविकता नहीं है.
सीएम योगी ने आगे कहा, “जब आध्यात्मिक जगत में किसी का वास्तविक स्वरूप नहीं है तो उसको नष्ट ही होना है. उसकी नस्वरता को हमें संदेह की निगाह से नहीं देखना चाहिए. हमें यह मानना चाहिए कि यह होगा, लेकिन इसके लिए हमें भी तैयार होना होगा. हमें अपनी उन गलतियों का परिमार्जन करना होगा, जिन गलतियों के कारण विदेशी आक्रांताओं को भारत के अंदर घुसने और भारत के पवित्र तीर्थ स्थलों को तोड़ने और भारत की अखंडता और संस्कृति को नष्ट करने का अवसर देने प्राप्त हुआ था. उस प्रकार की गलतियों को और विभाजन की त्रासदी, जोकि जाति विभाजन और क्षेत्रीय विभाजन-भाषायी विभाजन के रूप में हैं, उन सबसे उबरकर हम लोगों को राष्ट्र प्रथम के तर्ज पर काम करना होगा.”
बांग्लादेश को लेकर विपक्षी दलों पर CM का निशाना
योगी ने कहा, “आज डेढ़ करोड़ हिंदू आज बांग्लादेश के अंदर चिल्ला-चिल्लाकर अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन दुनिया का मुंह बंद है. देश के सेक्युलरिस्ट का मुंह बंद है क्योंकि यह कमजोर हैं. इनको लगता है कि इनका वोट बैंक खिसक जाएगा. वोट बैंक की चिंता है, लेकिन मानवीय संवेदना इनकी मर चुकी है. मानवता की रक्षा के लिए उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलने वाला है क्योंकि इन्होंने आजादी के बाद उसी प्रकार की राजनीति को प्रेरित और प्रोत्साहित किया है. उसको लेकर के आगे बढ़ते रहे हैं. यह लगातार बाटों और राज करो की राजनीति के तहत देश के अंदर कार्य करते रहे हैं.”
स्वार्थ के लिए भारत को विभाजन की त्रासदी की ओर ढकेला गया: CM
इससे पहले सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा था कि विश्व को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के आत्मीय भाव से परिचित कराने वाली हमारी भारत मां को आज ही के दिन 1947 में निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए विभाजन की त्रासदी की ओर ढकेला गया था. उन्होंने कहा कि यह मात्र देश का विभाजन नहीं, बल्कि मानवता का विभाजन था.
सीएम योगी ने विभाजन विभीषका दिवस पर कहा कि विश्व को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के आत्मीय भाव से परिचित कराने वाली हमारी भारत मां को आज ही के दिन 1947 में निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए विभाजन की त्रासदी की ओर ढकेला गया था. उन्होंने कहा कि यह मात्र देश का विभाजन नहीं, बल्कि मानवता का विभाजन था. इस अमानवीय निर्णय से असंख्य निर्दोष नागरिकों को अपने प्राण गंवाने पड़े. विस्थापन का दंश झेलना पड़ा, यातनाएं सहनी पड़ीं. इस अमानवीय त्रासदी में बलिदान हुए सभी निर्दोष नागरिकों को आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर विनम्र श्रद्धांजलि!