उत्तर प्रदेश विधानसभा में पान मसाला और गुटखा प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उस घटना के बाद लिया, जिसमें किसी विधायक ने पान मसाला खाकर सदन के मुख्य दरवाजे पर थूक दिया था।
मुख्य बिंदु:
- विधानसभा परिसर में गुटखा और पान मसाला प्रतिबंधित
- यदि कोई विधायक या कर्मचारी गुटखा खाते पकड़ा जाता है, तो 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
- यह प्रतिबंध विधानसभा को स्वच्छ बनाए रखने और मर्यादा बनाए रखने के लिए लगाया गया है।
- विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की प्रतिक्रिया
- उन्होंने इस घटना पर नाराजगी जताई और खुद कार्पेट पर गिरी गंदगी की सफाई करवाई।
- उन्होंने कहा, “मैंने वीडियो में उस सदस्य को देख लिया है, लेकिन नाम नहीं लेना चाहता।”
- उन्होंने सभी विधायकों से अनुशासन बनाए रखने और इस तरह की घटनाओं को रोकने की अपील की।
- वंदे मातरम पर खड़े न होने वालों पर स्पीकर की सख्त टिप्पणी
- विधानसभा में ‘वंदे मातरम’ के दौरान कुछ विधायकों के खड़े न होने पर स्पीकर ने नाराजगी जताई।
- उन्होंने कहा कि “वंदे मातरम का आदर न करना संविधान का सम्मान न करने के बराबर है।”
- उन्होंने विधायकों से अनुरोध किया कि भविष्य में ऐसा न हो।
निष्कर्ष:
- यूपी विधानसभा में पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध एक सकारात्मक कदम है, जो स्वच्छता और मर्यादा बनाए रखने में मदद करेगा।
- वंदे मातरम के सम्मान को लेकर स्पीकर की टिप्पणी दर्शाती है कि देशभक्ति और संवैधानिक मूल्यों का पालन सभी विधायकों के लिए अनिवार्य है।
- सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सभी विधायकों को अनुशासन का पालन करना चाहिए।