उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा और उससे जुड़े मामलों ने राज्य में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए नई चुनौतियाँ पैदा की हैं। इस घटना के कई आयाम हैं, जो अपराध, सांप्रदायिक हिंसा, और आतंकवाद से जुड़े पहलुओं को उजागर करते हैं। यहाँ इस पूरे मामले का विश्लेषण किया गया है:
1. हिंसा की पृष्ठभूमि और विवादित जामा मस्जिद का सर्वे:
- कोर्ट के आदेश पर सर्वे: विवादित जामा मस्जिद ढाँचे का सर्वे किया जा रहा था, जिसे कट्टरपंथियों ने बाधित किया।
- हिंसक प्रतिक्रिया: 24 नवंबर 2024 को कट्टरपंथी भीड़ ने पुलिस पर फायरिंग, पथराव और वाहनों में आगजनी की। इस दौरान पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई और उनके पीआरओ घायल हो गए थे।
2. हिंसा के बाद सरकारी कदम:
- पुलिस चौकी का निर्माण:
- विवादित मस्जिद के सामने सत्यव्रत चौकी बनाई गई।
- हिंदूपुरा खेड़ा इलाके में, जहाँ हिंसा हुई थी, दूसरी चौकी का निर्माण शुरू हुआ। यह जमीन शारिक साठा से जब्त की गई थी।
- सत्यव्रत चौकी का नाम: संभल का प्राचीन नाम सत्यव्रत नगर होने के कारण इस चौकी को यह नाम दिया गया।
3. शारिक साठा: अपराध और आतंक से जुड़ी कड़ी:
- अपराधिक इतिहास:
- शारिक साठा, मूल रूप से मेरठ के दीपा सराय का रहने वाला, वाहन चोरी और लूटपाट के लिए कुख्यात है।
- उसने 2018 में जेल से छूटने के बाद फर्जी पासपोर्ट बनाकर दुबई में शरण ली।
- दाऊद इब्राहिम और ISI से संबंध:
- दुबई भागने के बाद साठा ने जाली नोट और हथियारों की सप्लाई का काम शुरू किया।
- पाकिस्तान की ISI और दाऊद के नेटवर्क से जुड़े होने के सबूत मिले हैं।
- 2021 में उसके दो गुर्गों के पकड़े जाने पर ₹4 लाख के नकली नोट बरामद हुए।
- गैंग का संचालन:
- साठा का गैंग भारत में उसकी गैर-मौजूदगी में भी सक्रिय है।
4. संभल हिंसा में संभावित साजिश:
- दुबई से समर्थन: पुलिस को शक है कि हिंसा के लिए शारिक साठा ने अपने गुर्गों के जरिए दुबई से मदद भेजी थी।
- पाकिस्तानी कारतूस की बरामदगी: हिंसा के बाद नाली में पाकिस्तानी सरकारी आयुध फैक्ट्री में बने कारतूस मिले, जो शारिक साठा की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं।
- गुर्गों की भागीदारी: हिंसा में शामिल स्थानीय गुर्गों की भूमिका की जाँच चल रही है।
5. प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
- संपत्ति जब्त: शारिक साठा की करीब ₹1 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है।
- सुरक्षा बलों की कार्रवाई: पुलिस चौकियाँ बनाकर हिंसा प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ाई गई है।
- अन्य राज्यों से सहयोग: शारिक साठा के नेटवर्क को उजागर करने के लिए अन्य राज्यों से जानकारी जुटाई जा रही है।
6. भविष्य की चुनौतियाँ और समाधान:
- आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम:
- शारिक साठा और उसके नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता।
- सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना:
- स्थानीय स्तर पर सामुदायिक संवाद और विश्वास निर्माण के प्रयास।
- प्रभावी निगरानी तंत्र:
- विवादित क्षेत्रों में आधुनिक निगरानी उपकरणों जैसे सीसीटीवी और ड्रोन का उपयोग।
- नकली नोट और हथियारों की तस्करी पर रोक:
- सीमा सुरक्षा को और मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाना।
संभल हिंसा ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सामने सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की चुनौती पेश की है। सरकार द्वारा उठाए गए कदम, जैसे पुलिस चौकियों का निर्माण और शारिक साठा की संपत्ति की जब्ती, एक सकारात्मक दिशा में प्रयास हैं। हालाँकि, इस मामले से जुड़े अंतरराष्ट्रीय और आतंकवाद के पहलुओं पर गहराई से कार्रवाई की आवश्यकता है।