प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन आस्था और भक्ति के साथ चल रहा है। 13 जनवरी से शुरू हुए इस पावन पर्व के छठे दिन तक श्रद्धालुओं की भीड़ ने संगम में स्नान कर आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया है। अब तक 7 करोड़ 29 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। आज के दिन भी अनुमान है कि लगभग 30 लाख लोग संगम में स्नान करेंगे।
मुख्य आकर्षण और आयोजन
- मौनी अमावस्या की तैयारी:
आगामी मौनी अमावस्या स्नान (20 जनवरी) महाकुंभ का सबसे प्रमुख आकर्षण होगा। प्रशासन ने इस विशेष दिन के लिए सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।- श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या: 6 करोड़ से अधिक
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रयागराज का दौरा कर मौनी अमावस्या की तैयारियों का जायजा लेंगे।
- सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आकर्षण:
महाकुंभ में विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालु और साधु-संत चर्चा में हैं। इनमें कुछ नाम खास तौर पर उल्लेखनीय हैं:- IIT बॉम्बे वाले बाबा: अभय सिंह, जो अपनी अनूठी साधना के लिए प्रसिद्ध हैं।
- मॉडल वर्षा सानवाल: पुणे से आई वर्षा ने मॉडलिंग करियर छोड़कर एक महीने के कल्पवास का संकल्प लिया है। वह संगम की रेत पर ध्यान और साधना कर सनातन धर्म को बढ़ावा देने का संदेश दे रही हैं।
- रुद्राक्ष वाले बाबा: शिव भक्ति के प्रतीक रुद्राक्ष से बने 12 ज्योतिर्लिंग बाबा की भक्ति का मुख्य आकर्षण हैं।
- एंबेस्डर वाले बाबा और कांटों पर सोने वाले बाबा भी श्रद्धालुओं के बीच खासा ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
महाकुंभ के महत्व पर एक नजर:
महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और परंपराओं का अद्वितीय उत्सव है। श्रद्धालुओं की अपार भीड़, संगम में डुबकी लगाने की आस्था, और साधु-संतों की उपस्थिति इसे और भव्य बनाते हैं।
प्रशासन की तैयारियां:
- श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
- स्नान घाटों पर साफ-सफाई और चिकित्सा सुविधाओं के लिए विशेष टीमें तैनात हैं।
- प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुगम आवाजाही के लिए यातायात प्रबंधन की विस्तृत योजना बनाई है।
महाकुंभ में भाग लेना:
यह आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का जीता-जागता उदाहरण है। प्रयागराज में आस्था की इस अद्भुत यात्रा में शामिल होना हर भक्त के लिए जीवन का एक पवित्र अनुभव है।