यूपी बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता शम्सी आजाद ने नए साल की शुभकामनाएं देते हुए बुलडोजर को शांति का प्रतीक बताया है. इस पोस्टर में उन्होंने लिखवाया है- चरखे से क्रांति आई और बुलडोजर से शांति आई है. उन्होंने कहा कि हम इस पोस्टर के जरिए संदेश देना चाहते हैं कि यूपी में अपराधियों को अपराध से बाज आना पड़ेगा क्योंकि ये योगी सरकार है.
शम्सी आजाद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि इस पोस्टर पर लिखे नारे का मतलब बिलकुल साफ है. जब योगी जी ने दूसरी बार सीएम की शपथ ली तो उन्होंने मिशन बनाया था कि यूपी को अपराध से नहीं अपराधियों से पूरी तरह मुक्त करना है. उन्होंने इसी पर काम किया है. उन्होंने कहा, “योगी जी ने इसमें जोड़ा कि बुलडोजर की कार्रवाई से माफियाओं की जब आर्थिक संपत्ति पर हमला होता है तो उनकी कहीं न कहीं कमर टूटती है. उनके मंसूबे टूटते हैं और उनकी भावनाएं खत्म होती हैं. इसी मिशन को लेकर योगी जी आगे चले और आपने देखा कि आज उत्तर प्रदेश में जो अमन-चैन है, एकता है, जो आज यूपी विकास के पथ पर अग्रसर है तो उसकी एक बहुत बड़ी मिसाल है ये बुलडोजर.”
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता ने कहा, “इस बुलडोजर को रोल मॉडल मानकर यूपी के अलावा भी कई राज्यों ने इसका पालन किया है. हम संविधान के दायरे में रहकर काम करते हैं. अगर आरोप साबित हो जाता है. अपराधी अपने अपराध को नहीं मानता, सरेंडर नहीं करता तो हम बुलडजोर के तहत कार्रवाई करते हैं. उससे एक भय ये होता है कि जो परिवार अपने किसी न किसी को बचाने की कोशिश करता है. कम से कम उन परिवारों में भी ये डर है कि अगर हमने अपने परिवार में अपराधियों को जन्म दिया तो कहीं न कहीं कार्रवाई के तहत हमारा भी नुकसान हो सकता है. बुलडोजर का एक ये भी माध्यम है.”
#WATCH | Lucknow, UP| Poster put up by BJP leader Shamsi Azad appreciating Yogi Aditynath govt's 'bulldozer action' against those who illegally occupy land and criminals in the state pic.twitter.com/7THkWQ4Lro
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 31, 2024
बुलडोजर एक्शन पर SC ने यूपी सरकार को लगाई थी फटकार
उत्तर प्रदेश में अपराध पर काबू पाने के लिए योगी सरकार लगातार बुलडोजर का सहारा लेती रही है. अपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले के घर पर प्रशासन बुलडोजर एक्शन करता है. हालांकि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को फटकार भी लग चुकी है. शीर्ष अदालत ने बुलडोजर एक्शन को कानून का उल्लंघन बताते हुए कहा था कि किसी भी मामले में आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बुलडोजर एक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता. गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिलना चाहिए. अदालत ने कहा कि बुलडोजर एक्शन का मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं होगा. अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते. अगर किसी मामले में आरोपी एक है तो घर तोड़कर पूरे परिवार को सजा क्यों दी जाए? पूरे परिवार से उनका घर नहीं छीना जा सकता. बुलडोजर एक्शन दरअसल कानून का भय नहीं होने को दर्शाता है.