बादशाही बाग के मदरसे के खिलाफ लाखों का घोटाला उजागर होने के बाद भी प्रशासनिक कारवाई नहीं हुई। जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने यह रिपोर्ट तीन साल तक शासन को नहीं भेजी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी मदरसों की जांच की थी, जिसमें बादशाही कादिराया उल उलेमा एंग्लो मदरसे में 58 लाख रुपये की अनियमितिता मिली थी। ये मदरसा सरकारी कागजों में हॉस्टल के साथ चलता हुआ मिला, जबकि मदरसे के संचालक ने शपथ पत्र दिया हुआ था कि उसने तीन साल पहले ही इसे बंद कर दिया था जिसकी सूचना प्रशासन को दे दी थी। बावजूद इसके सरकारी दस्तावेजों में इसे चलता दिखा कर उसे मिलनी वाली आर्थिक सहायता समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ही हजम करते रहे। इस प्रकरण की जानकारी मंडलायुक्त रहे संजय कुमार को भी दी गई थी। जानकारी के मुताबिक विभागीय अधिकारियों ने मामले को इसलिए दबा दिया क्योंकि वे खुद इसमें फंस रहे थे। बहरहाल ये मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते से बाहर आकर गरमा गया है। डीएम सहारनपुर डा दिनेश चंद्र ने इस मामले की जांच कर शासन को इसकी जानकारी दिए जाने के लिए निर्देशित किया है।