मीडिया से लेकर सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर इस समय पाकिस्तान की सीमा हैदर की प्रेम कहानी सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस में सीमा हैदर को 4 जुलाई 2023 को हरियाणा के पलवल से गिरफ्तार किया था। इस मामले में सीमा हैदर के प्रेमी सचिन और सचिन के पिता नेत्रपाल पर भी पुलिस ने आईपीसी की साजिश रचने की धारा 120 B व विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 के तहत FIR दर्ज की थी।
जब सीमा हैदर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तब मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए माना जा रहा था कि उन्हें और उनके प्रेमी को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ेगा। हालाँकि ये तमाम कयास गलत साबित हुए। महज 3 दिनों में पाकिस्तानी महिला को उसके प्रेमी सहित नोएडा की एक अदालत ने जमानत दे दी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश शासन ने इस मामले का संज्ञान लिया है। शासन ने नोएडा पुलिस से जवाब तलब किया है कि सीमा हैदर को इतनी आसानी व जल्दी से जमानत कैसे मिल गई। इस पूरे मामले में नोएडा प्रशासन ने अपनी आख्या शासन को भेज दी है।
सीमा हैदर को 3 दिन में बेल क्यों?
सीमा हैदर केस की सुनवाई ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नाजिम अकबर की कोर्ट में हुई। मजिस्ट्रेट नाजिम ने सीमा को 30-30 हजार रुपए के 2 स्थानीय जमानतियों की जमानत पर रिहा कर दिया। इसी के साथ यहीं से सचिन और नेत्रपाल को भी जमानत मिल गई।
मिली जानकारी के मुताबिक जमानत की शर्तों में बिना अनुमति देश व वर्तमान पता न छोड़ना और दोबारा कोई अपराध न करना शामिल है। सीमा के जमानतदार सचिन मीणा के परिचित व करीबी हैं। हमारी पड़ताल में यह भी निकल कर सामने आया है कि मजिस्ट्रेट नाजिम अकबर ने सीमा हैदर की जमानत स्वीकृत करने से पूर्व पुलिस से काउंटर नहीं माँगा। साथ ही आरोपितों को रिहा करने से पहले जमानतदारों का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं हुआ।
सीमा हैदर केस की FIR में वादी खुद पुलिस बनी है। शिकायतकर्ता SHO रबूपुरा इंस्पेक्टर सुधीर कुमार हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक यह केस निष्पक्ष जाँच के लिए अब थाना जेवर भेज दिया गया है। इसकी आगे की जाँच SHO जेवर कर रहे हैं। कोर्ट में एक महिला कॉन्स्टेबल इस केस की पैरोकारी भी कर रही है। इस मामले में शुरू से अब तक हुए तमाम अपडेट को उच्चाधिकारियों और उत्तर प्रदेश शासन को अवगत भी करवाया जा रहा है।
सीमा हैदर और अवैध रह रहे नाइजीरियाई में फर्क क्या?
जब हमने सीमा हैदर केस का उसी जगह और उसी तरह के दूसरे केसों से तुलनात्मक अध्ययन किया तो यह मामला बाकियों से थोड़ा अलग निकला। 2 जून 2023 को नोएडा पुलिस ने एक विशेष अभियान चलाते हुए सूरजपुर थानाक्षेत्र में रह रहे 23 अफ्रीकी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। मूल रूप से ये सभी नाइजीरिया के निवासी थे, जो अवैध तौर पर नोएडा में बिना वीजा के रह रहे थे। इसमें 15 पुरुष व 8 महिलाएँ शामिल थीं।
सीमा हैदर पर लगाई गई विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 ही इन सब नाइजीरिया लोगों पर भी लगाई गई थी। इसके अलावा अफ्रीकी नागरिकों पर आपराधिक अधिनियम की धारा 7 के साथ IPC 332, 353 व 147 भी लगी थी। सीमा हैदर पर विदेशी अधिनियम के साथ साजिश रचने की धारा 120 B भी लगी हुई है।
उल्लेखनीय यह है कि लगभग डेढ़ माह से वो सभी नाईजीरियाई अभी तक जेल में हैं। इन सभी द्वारा निचली अदालत में दिए जमानती प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने केस के पुलिस विवेचक तक को तलब कर लिया था। लेकिन सीमा हैदर केस में मजिस्ट्रेट नाजिम अकबर द्वारा महज 3 दिनों में जमानत दे दी गई।
यदि कोई व्यक्ति पुलिस की मौजूदगी में संज्ञेय अपराध करता है तो 41 (1) के खंड क के अनुसार उसकी गिरफ्तारी होगी। इसमें ये नहीं देखा जाएगा कि उस मामले में कितनी सजा है। 332 आईपीसी लगी है तो इस बात की ज्यादा संभावना है कि पुलिस के साथ मारपीट की गई हो। चूँकि 332आईपीसी गैर जमानती है, इसलिए नाइजीरिया के लोग अभी भी जेल में हैं।
वकील, पुलिस की क्या है सीमा हैदर मामले में राय?
इस मामले का कानूनी पक्ष जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल को कॉल किया, तब उन्होंने बताया कि धाराओं में आरोपित कर के कोर्ट तक भेजना पुलिस का काम है लेकिन उसे छोड़ना या जेल भेजना न्यायालय तय करता है।
इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के रिटायर्ड डिप्टी एसपी विवेकानंद तिवारी और अवनीश गौतम से बात की।
विवेकानंद तिवारी ने हमें बताया कि जब तक सीमा हैदर मामले का सरकार के स्तर पर कोई स्थाई समाधान ना हो जाए तब तक उनका मुक्त होकर घूमना देश हित में फिलहाल तो नहीं है। विवेकानंद तिवारी ने यह भी बताया कि सीमा हैदर की जमानत को ऊपरी अदालत में पुलिस द्वारा चैलेंज किया जाना चाहिए। सीमा हैदर की नेपाल में हुई शादी को भारत में वैलिड न मानते हुए विवेकानंद तिवारी ने बताया कि इस मामले में पुलिस के खुफिया विभाग को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी ही होगी।
वहीं पूर्व डिप्टी एसपी अवनीश गौतम ने भारत के विदेशी अधिनियम कानून को काफी कमजोर बताते हुए इसे और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। अवनीश गौतम ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में सरकार को दो में से एक विकल्प पर पहुँचना ही होता है। इसमें पहला विकल्प सीमा हैदर को उसके देश वापस कर देना और दूसरा विकल्प यदि ये संभव न हो तो भारत की नागरिकता देना होता है।