संभल जिले के खग्गू सराय स्थित शिवमंदिर का 46 वर्षों के बाद दोबारा खुलना भक्तों के लिए एक भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण है।
मंदिर पुन: उद्घाटन का महत्व
- 46 वर्षों बाद खुला मंदिर: इतने लंबे समय तक बंद रहने के बाद मंदिर का खुलना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक बड़ी घटना है।
- भव्य पूजा-अर्चना:
- भक्तों ने सुबह मंदिर की सफाई कर पूजा की शुरुआत की।
- भगवान शिव को महाकाल की तरह सजाया गया।
- हनुमान जी की मूर्ति का चोला चढ़ाकर विशेष श्रृंगार किया गया।
श्रद्धालुओं का उत्साह
- मंदिर खुलने की खबर से दूर-दूर से श्रद्धालु इस प्राचीन शिवमंदिर में दर्शन और पूजा के लिए आ रहे हैं।
- स्थानीय लोग भी मंदिर के खुलने को लेकर बेहद उत्साहित हैं और इसे धार्मिक पुनर्जागरण मान रहे हैं।
सांस्कृतिक महत्ता
- इतने समय बाद मंदिर का दोबारा खुलना धार्मिक आस्था का प्रतीक है और यह क्षेत्र के सांस्कृतिक पुनर्जीवन का संकेत देता है।
- यह आयोजन भक्तों के बीच एकता और श्रद्धा को और मजबूत करता है।
इस मंदिर में पूजा-अर्चना का पुन: आरंभ होना क्षेत्र के लोगों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और सांस्कृतिक विरासत की संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 13 दिसंबर को पुनः खोल दिया गया था, जब अधिकारियों ने कहा था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान उन्हें यह ढांचा मिला था.
यह मंदिर खग्गू सराय इलाके में स्थित है, जो शाही जामा मस्जिद से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है. ये मंदिर 46 सालों से बंद था.
मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति और शिवलिंग स्थापित था. यह 1978 से बंद था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संभल में 1978 में हुए दंगे में काफी लोग मारे गए थे. इलाके में दहशत थी. इसके बाद मंदिर के पंडित अपना घर बेचकर चले गए और मंदिर में ताला लगा गए.
मंदिर के पास एक कुआं मिला है. जिसकी खुदाई कल की गई थी.
22 कूपों के अंदर जब खुदाई हो रही हैं, तो उसमें खंडित मूर्तियां मिल रही हैं. ये मंदिर कितना पुराना है, इसके लिए ASI से मदद ली जाएगी.