11 जुलाई से सावन माह का शुभारंभ होने जा रहा है, और इसके साथ ही वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ धाम में भगवान भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक हेतु श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। प्रशासन और पुलिस ने इस धार्मिक अवसर को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने स्वयं कावड़ यात्रा मार्ग (कांवड़ रूट) का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
इस बार गुड़िया बॉर्डर से मोहनसराय तक प्रयागराज–वाराणसी हाईवे को पूरी तरह कांवड़ यात्रियों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। इसी तरह चांदपुर चौराहे से बाई ओर की सड़क पर भी सिर्फ कांवड़िए ही चल सकेंगे और इस पूरे रूट पर वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी। मोहित अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि इन रूटों पर जो भी धार्मिक शिविर लगाए जाएंगे, उनमें कार्यरत सभी वालंटियरों का पुलिस द्वारा सत्यापन किया जाएगा। इसके साथ ही थानाध्यक्षों को आदेश दिए गए हैं कि वे शिविरों में लगने वाले डीजे की ऊंचाई और ध्वनि मानकों के बारे में संचालकों को स्पष्ट जानकारी दें, ताकि कोई नियम उल्लंघन न हो।
सुरक्षा व्यवस्था को अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है। पूरे कांवड़ रूट पर 8 ड्रोन कैमरों और 200 सीसीटीवी कैमरों से चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी। क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया दल) की 10 टीमें और 200 बाइक दस्ते कांवड़ रूट पर लगातार गश्त करेंगे। इसके अतिरिक्त 1500 से अधिक पुलिसकर्मी दिन-रात ड्यूटी पर तैनात रहेंगे और 10 अस्थायी पुलिस चौकियों की स्थापना भी की जा रही है। कांवड़ यात्रा मार्ग को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त बनाए जाने का कार्य थानाध्यक्षों को सौंपा गया है।
पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर भी विशेष नजर रखी जाएगी और इसमें एआई आधारित निगरानी तंत्र का सहारा लिया जाएगा, ताकि अफवाह या भ्रामक प्रचार को रोका जा सके। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी पुलिसकर्मी कांवड़ियों से विनम्रता और सम्मान के साथ व्यवहार करें और उनकी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखें। धार्मिक भावनाओं का आदर करते हुए कांवड़ मार्ग पर मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश भी जारी किया गया है।
इसके अलावा, गंगा नदी में एनडीआरएफ और प्रशिक्षित गोताखोरों की टीमों को तैनात किया जाएगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। यह संपूर्ण योजना यह सुनिश्चित करती है कि सावन में आने वाले लाखों श्रद्धालु सुरक्षित, व्यवस्थित और श्रद्धाभावपूर्ण वातावरण में बाबा विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक कर सकें। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध रूप से पूरी की जाएंगी।
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