उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के साथ-साथ, श्रृंगवेरपुर धाम को भी धार्मिक, सांस्कृतिक और ग्रामीण पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। श्रृंगवेरपुर धाम, जो निषादराज गुह्य की राजधानी और भगवान राम की कथा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, अब आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है।
श्रृंगवेरपुर धाम का महत्व:
- धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व:
- श्रृंगवेरपुर धाम में भगवान राम और निषादराज की मित्रता का ऐतिहासिक संदर्भ जुड़ा है।
- यह स्थल सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
- गंगा किनारे स्थित यह धाम धार्मिक यात्राओं का एक अहम केंद्र है।
- कायाकल्प की योजनाएं:
- 3732.90 लाख रुपये की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण दो चरणों में किया गया है।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए घाटों और मंदिरों का सौंदर्यीकरण।
- रूरल टूरिज्म के माध्यम से स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- भव्य निर्माण:
- पर्यटन सुविधाएं: आधुनिक सुविधाओं के साथ एक पर्यटन पार्क का निर्माण।
- संरचना: पैदल यात्री पथ, रेस्ट हाउस, सांस्कृतिक केंद्र और श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास।
- घाट निर्माण: गंगा किनारे प्रमुख घाटों का पुनर्निर्माण।
अयोध्या और श्रृंगवेरपुर का संबंध:
- अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर और श्रृंगवेरपुर में निषादराज की राजधानी का कायाकल्प रामायण की धार्मिक परंपरा को संरक्षित करता है।
- श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित करने से अयोध्या से इस स्थल तक धार्मिक यात्रा को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
रूरल टूरिज्म की पहल:
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
- स्थानीय शिल्पकारों और कलाकारों को पर्यटन गतिविधियों में शामिल किया जाएगा।
- यह पहल न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी।
महाकुंभ 2025 की तैयारी:
- प्रयागराज महाकुंभ के साथ श्रृंगवेरपुर धाम के विकास को जोड़ा जा रहा है।
- आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार।
- प्रयागराज के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में इस धाम का महत्व और बढ़ेगा।
निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु 1963.01 लाख रुपये के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया.
इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के 1818.90 लाख रुपये के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी, चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं. 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
श्रृंगवेरपुर धाम को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ-साथ ग्रामीण पर्यटन (रूरल टूरिज्म) का हब बनाने की योजना उत्तर प्रदेश सरकार के विकास दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रयागराज क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के अनुसार, इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल को ग्रामीण समुदायों की भागीदारी से नया रूप देने के लिए रोडमैप तैयार किया गया है।
रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने की प्रमुख योजनाएं:
- होम स्टे का विकास:
- ग्रामीण अनुभव: स्थानीय निवासियों को अपने घरों में मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- यह पर्यटकों को ग्रामीण जीवनशैली और परंपराओं का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा।
- होम स्टे मॉडल के तहत स्थानीय निवासियों को पर्यटन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- स्थानीय संस्कृति और खानपान का संरक्षण:
- पर्यटकों को स्थानीय व्यंजन जैसे कि पारंपरिक भोजन और विशेष तौर पर तैयार किये गए निषादराज की विरासत से जुड़े व्यंजन परोसे जाएंगे।
- संस्कृति और कला: स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
- थीमेटिक पेंटिंग: क्षेत्र की झोपड़ियों और होम स्टे को थीमेटिक तरीके से सजाया जाएगा, जिसमें निषादराज की कथा और ग्रामीण जीवन का चित्रण होगा।
- ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बनने का मौका:
- पर्यटक स्थानीय हस्तशिल्प, जैसे मिट्टी के बर्तन, पारंपरिक वस्त्र, और अन्य ग्रामीण कला के निर्माण प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं।
- यह न केवल पर्यटन अनुभव को समृद्ध बनाएगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों को अतिरिक्त आय भी प्रदान करेगा।
- ग्रामीण पर्यटन केंद्रों का विकास:
- गंगा किनारे स्थलों को पर्यटन के अनुकूल बनाया जाएगा।
- पर्यटकों को प्राकृतिक और शांत वातावरण में ठहरने का मौका मिलेगा।
- पर्यावरणीय और सांस्कृतिक स्थिरता:
- ग्रामीण पर्यटन को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि यह स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र और परंपराओं के अनुकूल रहे।
- स्थानीय सामुदायिक भागीदारी से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटकों के लिए विशेष अनुभव:
- आध्यात्मिकता और धर्म: गंगा किनारे श्रृंगवेरपुर धाम में पूजा, ध्यान, और धार्मिक गतिविधियों का आयोजन।
- स्थानीय त्योहार: निषादराज और भगवान राम की कथा से जुड़े उत्सवों का आयोजन।
- ग्रामीण जीवनशैली: बैलगाड़ी की सवारी, खेतों की यात्रा, और ग्रामीण खेलों में भागीदारी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:
- रोजगार सृजन: स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
- महिलाओं और युवाओं को लाभ: पर्यटन गतिविधियों में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- ग्रामीण क्षेत्र का विकास: बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिसमें सड़क, बिजली, और पानी की आपूर्ति शामिल है।
योगी सरकार की इस पहल से न केवल श्रृंगवेरपुर धाम एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभरेगा, बल्कि यह ग्रामीण पर्यटन का आदर्श मॉडल भी बनेगा, जो स्थानीय समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यटन उद्योग के विकास में योगदान देगा।