उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एक मंदिर से मूर्ति चुराने वाला चोर मंगलवार (1 अक्टूबर 2024) को खुद ही उन्हें लौटा गया। मूर्ति के साथ चोर एक माफीनामा भी छोड़ कर गया है। इसमें उसने मंदिर में चोरी के बाद अपने साथ लगातार अनिष्ट होने की बात कही है। मूर्ति को फिर से विधि-विधान के साथ मंदिर में स्थापित करवाया जा रहा है। बात करते हुए महंत जयराम दास ने बताया कि मूर्ति को जूट की बोरी में आश्रम के गेट के पास रखकर चोर चला गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला प्रयागराज जिले के थानाक्षेत्र नवाबगंज का है। यहाँ गऊघाट इलाके में खासला आश्रम है। इस आश्रम में बने मंदिर के गर्भगृह में अष्टधातु की बनी करीब 100 साल पुरानी राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित है। सोमवार (23 सितंबर 2024) को इस अष्टधातु की मूर्ति को कोई चुरा ले गया। तब मंदिर के महंत जयराम दास ने इसकी शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर चोर की तलाश शुरू कर दी।
लगभग 1 हफ्ते बीत जाने के बावजूद चोर को पकड़ा नहीं जा सका था। इस बीच मूर्ति चोरी से दुखी महंत जयराम दास ने अन्न का त्याग कर दिया। आश्रम के अन्य शिष्य भी दुखी रहने लगे। तभी अचानक मंगलवार (1 अक्टूबर) को चोर मूर्ति मंदिर के पास रख कर चुपचाप चला गया। मूर्ति के साथ चोर एक माफीनामा भी महंत को सम्बोधित करते हुए छोड़ कर गया है। इस माफीनामे में उसने अपने काम को अज्ञानता बताते हुए लिखा है, “मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई। मुझे बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं।”
अपनी पहचान उजागर न करते हुए चोर ने माफीनामे में महंत को प्रणाम करते हुए लिखा है, “मेरे बेटे की तबीयत भी बहुत खराब हो गई है। थोड़े पैसे के लिए मैंने बहुत गंदा काम किया है। मैंने मूर्ति को बेचने के लिए उसके साथ काफी छेड़छाड़ किया है। अपनी गलती की माफी माँगते हुए मैं मूर्ति को रख कर जा रहा हूँ। आपसे विनती करता हूँ कि मेरी गलती को माफ कर भगवान को फिर से मंदिर में रखवा दिया जाए। हमारे बच्चों को क्षमा करते हुए अपनी मूर्ति स्वीकार करें।”
चोर ने मूर्ति को बेचने के लिए पॉलिश भी करवा दिया था। फिलहाल मूर्ति वापस आ जाने से आश्रम में ख़ुशी का माहौल है। प्रतिमा को जलाभिषेक व अन्य धार्मिक विधि-विधान करते हुए फिर से स्थापित किया जा रहा है। मामले की सूचना पुलिस को भी दे दी गई है। पुलिस इस मामले में कानूनी कार्रवाई कर रही है। बात करते हुए महंत जयराम दास ने बताया कि वो सिद्ध मंदिर के महंत हैं और उन्होंने चोरी के बाद ईश्वर को ही न्याय करने के लिए कहा था।
कर्नाटक में भी सामने आया था ऐसा ही मामला
बताते चलें कि जनवरी 2021 में कर्नाटक के मंगलुरु में ऐसा ही मामला सामने आया था। तब स्वामी कोरगज्जा मंदिर की दानपेटी में कंडोम डाल दिया गया था। पुलिस आरोपितों को खोज नहीं पाई थी, लेकिन एक दिन अब्दुल रहीम और तौफीक खुद ही मंदिर में महंत के आगे पहुँच गए थे। उन्होंने नवाज के साथ मिल कर मंदिर की दानपेटी में कंडोम डालने का गुनाह कबूल करते हुए बताया कि उस करतूत के बाद उन दोनों को खून की उल्टियाँ और खूनी पेचिश शुरू हो गई थी।
दोनों ने यह भी बताया था कि इस घटना के बाद नवाज अपने घर की दीवार पर सिर पटक-पटक कर मर गया था। मंदिर के पुजारी से तौफीक और रहीम ने कान पकड़ कर दया की भीख माँगी थी।