यूपी के बरेली में मुस्लिम समाज की एक और युवती ने सनातन संस्कृति में आस्था जताते हुए हिन्दू धर्म ग्रहण कर लिया है। फरजाना बी ने सरस्वती बनकर वैदिक रीति-रिवाज से अपने दोस्त वीरेन्द्र कश्यप के साथ सात फेरे लिए हैं। फरजाना की घर वापसी से कट्टरपंथी बौखला रहे हैं। इसे देखते हुए दोनों ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
हिन्दू धर्म स्वीकार करने वाली फरजाना बी बरेली में शेरगढ़ शाही इलाके के गांव गहलुइया की रहने वाली हैं। वहीं, जिस वीरेन्द्र कश्यप के साथ उसने हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की है, वह बरेली में थाना बहेड़ी इलाके के गांव उत्तमनगर माधोंपुर का निवासी है। दोनों के गांव में कुछ किमी की दूरी है। पहली मुलाकात में ही फरजाना को वीरेन्द्र से प्यार हो गया था। करीब तीन साल से दोनों एक दूसरे के संपर्क में थे।
फरजाना से सरस्वती बनी युवती ने मीडिया को बताया कि उसे हिन्दू संस्कृति से शुरू से लगाव था। वीरेन्द्र धार्मिक प्रवृत्ति का है। यह बात उसे पसंद आई और वीरेन्द्र के साथ जिंदगी बिताने का फैसला कर लिया। घरवालों को इसका पता लगा तो फरजाना पर कई तरह की बंदिशें लगा दीं। उसका घर से बाहर झांकना तक बंद कर दिया गया। परेशान होकर उसने घर छोड़ दिया और लिखा-पढ़ी के साथ बरेली के एक मंदिर में वीरेन्द्र कश्यप के साथ हिन्दू धर्म अपनाकर विवाह रचा लिया। फरजाना के घरवालों ने प्रेमी वीरेन्द्र के खिलाफ बेटी के अपहरण की झूठी रिपोर्ट भी थाने में दर्ज करा दी है।
हालांकि फरजाना से सरस्वती बनी युवती का कहना है कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से हिन्दू धर्म अपनाकर वीरेन्द्र को जीवन साथी बनाया है। घरवाले और रिश्तेदार उसे तरह-तरह से धमकियां दिला रहे हैं। उन लोगों से वीरेन्द्र और उसकी जान को खतरा हो सकता है, इसलिए प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
बता दें कि लव जिहाद की साजिशों के बीच रुहेलखंड में इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अकेले बरेली जिले में कई युवतियां मुस्लिम से नाता तोड़कर सनातन धर्म अपना चुकी हैं। विश्व हिन्दू परिषद के विभाग संयोजक हिमांशु पटेल बताते हैं कि तीन तलाक, हलाला के जुल्म किसी से छिपे नहीं है। बरेली में ट्रिपल तलाक व हलाला पीड़ित महिलाएं लगातार कार्रवाई के लिए पुलिस में दस्तक दे रही हैं। यही वजह है कि इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने वाली बालिग युवतियों की संख्या बढ़ रही है। शहनाज, महविश, रुसिदा, आरिफी समेत 20 से अधिक युवतियां घर वापसी कर चुकी हैं।