यूपी के बरेली शहर में कांवड़ियों पर पथराव और लाठीचार्ज के मामले में योगी सरकार ने एसएसपी प्रभाकर चौधरी को पद से हटा दिया है। एक ही जगह पर मुस्लिम भीड़ ने लगातार दो रविवार कांवड़ जत्थे का रास्ता रोका मगर पुलिस हालात संभालने में नाकाम साबित हुई। रास्ते से बवाली भीड़ को हटाने की जगह अफसरों ने हड़बड़ी में कांवड़ियों पर ही लाठीचार्ज करा दिया। इसमें कई कांबड़ियों के साथ महिलाओं को चोटें आईं। हिन्दू संगठनों में भारी आक्रोश के बीच संघ और भाजपा नेताओं की शिकायत पर शासन ने एसएसपी चौधरी को जिले से हटाकर पीएसी में भेज दिया है। उनकी जगह तेतजर्रार आईपीएस घुले सतीश चंद्रभान को बरेली का नया एसएसपी बनाया गया है।
कांवड़ियों पर पथराव मामले में आईजी रेंज डा. राकेश सिंह ने बरेली के थाना बारादरी इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। मुस्लिम बहुल जोगी नवादा इलाके में एक सप्ताह के अंदर दो बार कांवड़ियों के साथ हुई घटना लेकर कुछ और अफसरों पर गाज गिरना तय मानी जा रही है। रविवार को दिन भर चले हंगामे के बाद भी मुस्लिम भीड़ ने जोगी नवादा इलाके में शाह नूरी मस्जिद के सामने से कांवड़ जत्थे को नहीं गुजरने दिया। वर्षों से कांवड़िए इसी रास्ते गंगाजल लेने बदायूं जाते रहे थे लेकिन इस बार उनका बार-बार रास्ता रोका गया।
पिछले रविवार को मस्जिद के सामने कांवड़ जत्थे पर मुस्लिम भीड़ ने जमकर पथराव किया था। इसमें कई कांबड़िए घायल हो गए थे। इसे लेकर सपा नेता उस्मान अल्वी और मस्जिद के मौलाना सहित 100-150 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद उस्मान सहित दो लोगों को जेल भेजा था मगर आठ दिन गुजरने के बाद बाकी किसी बवाली पर कार्रवाई नहीं की गई। इससे बवालियों का मनोबल और बढ़ गया। नतीजा ये हुआ कि कल सावन के चौथे सोमवार से एक दिन पहले गंगाजल लेने जा रहे कांवड़ जत्थे को फिर मस्जिद के सामने से निकलने से रोक दिया गया। डीएम-एसएसपी घंटों मुस्लिम पक्ष भीड़ की मान-मनोव्वल करते रहे मगर कांवड़ियों का रास्ता खाली नहीं गया। अपनी कमजोरी छिपाने को अफसरों ने शाम के वक्त कांवड़ियों पर बल प्रयोग कराकर उन्हें दौड़ा लिया। लाठीचार्ज में कई कांवड़ियों के साथ महिलाएं और बच्चे घायल हो गए।
कांवड़ियों पर पहले पथराव और अब लाठीचार्ज से बरेली में संघ और भाजपा के नेताओं के साथ सभी हिन्दू संगठन गुस्से में आ गए। भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजेश अग्रवाल ने तुरंत ही पूरे मामले से मुख्ययमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया तो सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया। उनकी जगह सीतापुर एसपी घुले सुशील चंद्रभान को बरेली का नया कप्तान बनाया गया है। हिन्दू संगठनों ने बरेली पुलिस-प्रशासन के कुछ और अफसरों पर भी कांबड़ियों के साथ ज्यादती की बात कहते हुए कार्रवाई की मांग की है। शासन ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।
क्षेत्रीय सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार, बरेली कैंट विधायक संजीव अग्रवाल, भाजपा महानगर अध्यक्ष डा. केएम अरोड़ा, हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष अरुण फौजी ने एक सुर में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए इसे अफसरों की नाकामी बताया है। कांवड़ियों पर लाठीचार्ज के बाद से शहर में तनाव के हालात हैं। लाठीचार्ज में घायल कई लोगों का इलाज चल रहा है, जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। प्रशासन ने विवादग्रस्त जोगी नवादा इलाके में पुलिस, पीएसी के साथ आरएएफ भी तैनात कर रखी है। एडीजी जोन बरेली पीसी मीणा हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं। एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि इलाके में छतों पर भी फोर्स का पहरा बिठाया गया है, ताकि कोई खुराफात न कर सके।