उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने रोडवेज बस रोक कर नमाज़ पढ़ाने जाने के मामले में बरेली डिपो के बस ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया है। इसी बस के कंडक्टर के अनुबंध को भी खत्म कर दिया गया है। रामपुर पुलिस ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए वीडियो की जाँच शुरू कर दी है और कानूनी कार्रवाई किए जाने की बात कही है। यह मामला शनिवार (3 जून 2023) का है जिसके वायरल वीडियो में 2 नमाज़ियों को नमाज़ पढ़ाने के लिए पूरी बस को रोक दिया गया था। विश्व हिन्दू परिषद ने भी मामले में कड़ी कार्रवाई की माँग की है।
शनिवार (3 जून 2023) को यह जनरथ बस बरेली से गाजियाबाद के कौशाम्बी स्टॉप तक जा रही थी। शनिवार (4 जून 2023) को सत्येंद्र नाम के एक व्यक्ति ने खुद को बस यात्री बता कर परिवहन विभाग मुख्यालय को एक शिकायती ट्वीट किया। अपनी शिकायत के समर्थन में सत्येंद्र ने टिकट के साथ एक वीडियो भी अटैच किया था। इस वीडियो में इस्लामी वेशभूषा में सड़क पर 2 लोगों को नमाज़ पढ़ते देखा जा सकता है। बस के यात्री कंडक्टर से नमाज़ के लिए यात्रा रोके जाने का विरोध करते दिखाई दे रहे हैं। हालाँकि इन सभी के जवाब में कंडक्टर उन्हें हिन्दू-मुस्लिम न करने की नसीहत देता दिखाई दे रहा है।
अपने ट्वीट में सत्येंद्र ने लिखा, “रात मैंने बरेली से दिल्ली के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की जनरथ बस ली। जिस का प्रस्थान समय 7pm था। बस 8:25 pm में रुकी। मैंने जा कर देखा कि 2 मुस्लिम बस से उतरे और बस के सामने बैठ कर नमाज़ पढ़ने लगे। मैने बरेली डिपो के ARM,SM,RM से शिकायत की है। सत्येंद्र की इस शिकायत पर बरेली डिपो के ARM ने अगले दिन 5 जून 2023 (सोमवार) को कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बस पर कार्यरत ड्राइवर कृष्ण पाल सिंह को निलंबित कर दिया गया है और कंडक्टर मोहित यादव की संविदा समाप्त कर दी गई है। ARM के मुताबिक कंडक्टर मोहित यादव ने घटना को स्वीकार करते हुए इसे अपनी भूल माना।
विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी इस मामले को अति बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए सभी आरोपितों पर कठोर एक्शन की माँग की है।