वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को अवधेश राय मर्डर केस में दोषी करार दिया है। ये मामला 32 साल पुराना है। केस में मुख्तार समेत 5 लोग आरोपित थे।
बता दें कि अवधेश राय की हत्या वाराणसी के चेतगंज थाना इलाके के लहुराबीर इलाके में 3 अगस्त 1991 की सुबह हुई थी। घटना के वक्त अवधेश अपने छोटे भाई के घर के बाहर खड़े थे। तभी, वहाँ एक मारूती वैन आई और उन पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चलाईं गईं थी।
घटना के बाद पूर्व विधायक अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश के साथ पूर्व एमएलए अब्दुल कलाम पर एफआईआर दर्ज कराई थी। इन पाँच आरोपितों में से अब्दुल और कमलेश की मौत हो चुकी है।
वहीं अवधेश के छोटे भाई अजय आज के समय में कॉन्ग्रेस नेता हैं। इस फैसले के आने से पहले अजय राय ने कहा, “32 साल का इंतजार आज खत्म हो रहा है। उन्हें उम्मीद है कि उनको न्याय मिलेगा।”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2022 में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर की अदालत ने 10 साल कारावास की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। कुल मामलों की सुनवाई में कॉन्स्टेबल रघुवंश सिंह और गाजीपुर के ASP सहित कई लोगों की हत्या शामिल थी।
उससे पहले मुख्तार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 21 सितंबर 2022 को जेलर एसके अवस्थी पर पिस्टल तानने और उन्हें धमकाने के मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल कैद की सजा सुनाई थी।
23 सितंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने साल 1999 के एक मामले में मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी ठहराया था। अंसारी को 5 साल की सजा सुनाने के साथ-साथ कोर्ट ने 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था। जेल अधीक्षक रमाकांत तिवारी की 4 फरवरी 1999 को हत्या कर दी गई थी।