उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार से जारी है। इस प्रदर्शन का मुख्य कारण पीसीएस प्री 2024 (PCS Exam) और आरओ/एआरओ 2023 प्री परीक्षा को लेकर छात्रों की दो प्रमुख मांगें हैं। छात्रों ने सोमवार सुबह 10 बजे से यह विरोध प्रदर्शन शुरू किया, लेकिन अब तक आयोग और प्रशासन के अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है।
छात्रों की यह मांग है कि परीक्षाओं को लेकर नियमों में बदलाव किया जाए और परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितता है, जिसके कारण उनकी तैयारी और मेहनत प्रभावित हो रही है। आयोग से अपेक्षा की जा रही है कि वह जल्द से जल्द छात्रों की मांगों पर ध्यान देगा, ताकि यह गतिरोध समाप्त हो और परीक्षाएं सुचारू रूप से संपन्न हो सकें।
अफसरों के साथ विफल रही बातचीत
प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है, और हालात को सुलझाने के लिए डीएम रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा, और आयोग के सचिव अशोक कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने छात्रों से बातचीत करने की कोशिश की। यह बातचीत आयोग के गेट नंबर 2 पर हुई, जहां अधिकारियों ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए परीक्षा को 41 जिलों में आयोजित किया जा रहा है और नकल रोकने के उद्देश्य से अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा कराई जा रही है।
हालांकि, छात्रों ने अधिकारियों की इन बातों को मानने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में अभी भी कई मुद्दे हैं जिनसे उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है। अधिकारियों द्वारा दी गई सफाई के बावजूद, छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और परीक्षा में और अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं।
रात के वक्त मोबाइल की टॉर्च जला प्रदर्शन करते रहे छात्र
अधिकारियों और प्रतियोगी छात्रों के बीच बातचीत पूरी तरह से विफल होने के बाद, प्रदर्शनकारियों का उत्साह और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बातचीत के असफल होने के बाद, जहां अधिकारी वापस लौट गए, वहीं हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र आयोग के बाहर डटे रहे। छात्र रात के वक्त भी अपना विरोध जारी रखते हुए मोबाइल की टॉर्च जलाकर विरोध प्रदर्शन करते रहे और नारेबाजी करते रहे। उन्होंने विरोध को और तेज करते हुए सड़कों पर ही लेट कर अपनी नाराजगी जताई।
यह दृश्य इस बात का संकेत है कि छात्र अपने हक के लिए अडिग हैं और परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उनकी इस दृढ़ता से यह स्पष्ट होता है कि जब तक उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं होती, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
क्या है छात्रों की 2 मांगें
छात्रों की मांग कै हि एक दिन एक शिफ्ट और नो नॉर्मलाइजेशन के तहत दोनों परीक्षाएं ली जाएं. अपनी इस मांग के चलते सभी छात्र, छात्र आयोग के पास चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए हैं. ऐसे में मौके पर पुलिस भी मौजूद है और परिस्थिति काबू करने की कोशिश में लगी हुई है.
क्या है नॉर्मलाइजेशन फॉर्मुला
नॉर्मलाइजेशन मतलब मानकीकरण, आयोग ने एक ऐसा फॉर्मुला निकाला है जिसमें एक शिफ्ट में शामिल सभी छात्रों का जो स्कोर है, उसे निकालने का है. आयोग ने कहा है कि इसमें सबसे ज्यादा अंक जो पाएगा उसके नंबर को हाईएस्ट नंबर मानकर पर्सेंटाइल माना जाएगा. इसके बाद जितने छात्र उस शिफ्ट में शामिल हुए हैं. उनके नंबर को उससे डिवाइड करेंगे और फिर इनटू 100 करेंगे और जो नंबर आएगा उसे कटऑफ माना जाएगा. इस फॉर्मुले को लेकर छात्रों में भी अधिक क्लैरिटी नहीं है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि जब पेपर एक है तो इस तरह का फॉर्मुला क्यों लगाया जा रहा है और उनका मानना है कि मार्किंग का यहा अच्छा तरीका नहीं है.