यह मामला उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित विवादित शाही जामा मस्जिद और उसके ऐतिहासिक संदर्भ पर आधारित है। हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यह मस्जिद मूल रूप से हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी, और इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई।
सर्वे रिपोर्ट का सारांश:
- हिंदू मंदिर के प्रतीक:
- परिसर में दो बरगद के पेड़ मिले, जो आमतौर पर हिंदू मंदिरों से जुड़े होते हैं।
- परिसर में कुआँ पाया गया, जिसका एक हिस्सा ढका हुआ था।
- गुंबद के बीच मंदिरों में इस्तेमाल होने वाली लोहे की जंजीर मिली, जो घंटा लटकाने या जलाभिषेक के लिए होती है।
- दीवारों, झरोखों, और सजावटी संरचनाओं पर लगभग 50 कलाकृतियाँ मिलीं, जिन पर प्लास्टर चढ़ाकर उन्हें छिपाने की कोशिश की गई थी।
- मूल संरचना में परिवर्तन:
- मंदिर की वास्तुकला पर प्लास्टर और रंग-रोगन कर इसे मस्जिद का रूप दिया गया।
- मूल संरचना में बदलाव और नए निर्माण के प्रमाण मिले।
- मस्जिद के अंदर फूलों के 50 से अधिक पैटर्न और अलंकृत दीवारों की पहचान की गई।
- वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी:
- सर्वेक्षण के दौरान 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1,200 तस्वीरें ली गईं।
- मस्जिद में हिंदू मंदिर के प्रतीकों को छिपाने की कोशिश का स्पष्ट प्रमाण मिला।
विवाद और हिंसा:
सर्वेक्षण के दौरान और उसके बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस और सर्वे टीम पर हमले के आरोप में अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 90 अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- शाही जामा मस्जिद को 1529 में बाबर के निर्देश पर मीर बेग ने बनवाया था, ऐसा दावा किया जाता है।
- हिंदू पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
कोर्ट का निर्णय:
- सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह की अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा गया है और इसे तभी खोला जाएगा जब शीर्ष अदालत अनुमति देगी।
यह मामला भारतीय ऐतिहासिक, धार्मिक और कानूनी परिप्रेक्ष्य में बेहद संवेदनशील है। सर्वे रिपोर्ट और अदालत के अंतिम फैसले के आधार पर ही विवाद का समाधान संभव है।