उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मंदिरों का एक बड़ा संग्रहालय बनने जा रहा है। ये संग्रहालय टाटा समूह द्वारा बनाया जाएगा जिसमें करीबन 650 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। आज उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस महत्वपूर्ण निर्णय के संबंध में जानकारी यूपी सरकार के एक्स हैंडल पर भी दी गई है। पोस्ट में बताया गया है कि विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन हेतु भूमि के उपयोग का लाइसेंस दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
इसी क्रम में टाटा ग्रुप के सहयोग द्वारा अयोध्या में विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन हेतु भूमि के उपयोग का लाइसेंस दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई… pic.twitter.com/Ty8JjXWTRW
— Government of UP (@UPGovt) June 25, 2024
संग्रहालय के फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि टाटा समूह को म्यूजियम ऑफ टेंपल्स के लिए 1 रुपए के टोकन अमाउंट पर 90 सालों के लिए जमीन लीज पर दी जाएगी। यह संग्रहालय अत्याधुनिक होगा और उसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। म्यूजियम में भारत के प्रसिद्ध मंदिरों के स्थापत्य व इतिहास की जानकारियाँ प्रदर्शित की जाएगी। प्रस्तावित संग्रहालय में लाइट एंड साउंड शो की भी व्यवस्था की जाएगी।
इस म्यूजियम के निर्माण को लेकर टाटा संस ने कहा है कि वह अपने कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉसिबिलिटी (CSR) फंड से 650 करोड़ रुपए खर्च कर टेंपल म्यूजियम बनाएँगे। यह म्यूजियम अयोध्या की सदर तहसील के मांझा जामतारा गाँव में बनाया जाएगा। इसके साथ गाँव के आसपास और भी इन्फ्रा तैयार होगा। इसके लिए लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यानी कुल मिलाकर 750 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
मालूम हो कि टाटा समूह द्वारा इस म्यूजियम को बनाए जाने का प्रस्ताव सबसे पहले पिछले साल सामने आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस परियोजना से अवगत कराया गया था। पीएम को ये प्रस्ताव बहुत पसंद आया। उसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत वरिष्ठ अधिकारियों को विस्तार से परियोजना के बारे में बताया गया और अब खबर है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह यात्री राम मंदिर प्रभु के दर्शन करने आते हैं वैसे ही वो अयोध्या में आकर म्यूजियम को भी देखेंगे और इससे ये जगह एक पर्यटन स्थल के तौर पर और भी ज्यादा विकसित होगी। वहीं मंदिर के बारे में बताएँ तो मंदिर का काम भी 2025 तक समाप्त होने वाला है। वहीं पहली मंजिल का काम जुलाई के आखिर तक पूरा होने वाला है।
शाकुम्भरी देवी धाम के पर्यटन विकास के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी भूमि
कैबिनेट की बैठक में मां शाकुम्भरी देवी धाम के पर्यटन विकास के लिए 0.369 हेक्टेयर भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मां शाकुम्भरी देवी का मंदिर सहारनपुर से 45 किलोमीटर दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला में स्थित है। देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल इस मंदिर में मां के दर्शन के लिए पंजाब, उत्तराखंड, उप्र, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से श्रृद्धालु आते हैं। धाम के पर्यटन विकास के लिए सहारनपुर की तहसील बेहट के ग्राम मिरगपुर पांजूवाला की 0.369 हेक्टेयर भूमि निश्शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। इस भूमि का सर्किल रेट 22,14,000 है।