वाराणसी में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल द्वारा सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक व्यापक अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान न केवल अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और सत्यापन पर केंद्रित है, बल्कि इसमें नशा, गौ-तस्करी, अवैध शस्त्र और अन्य आपराधिक गतिविधियों पर भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
वाराणसी में पुलिस कमिश्नर का सुरक्षा अभियान: प्रमुख निर्देश और लक्ष्य
1. रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों का सत्यापन अभियान
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स्थान: मंदिर, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, पर्यटक स्थल, घाट, बीएचयू, गांव के बाहरी इलाके, पार्क आदि।
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टारगेट: फेरीवाले, भिक्षु, झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले।
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उद्देश्य: अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान और कार्रवाई।
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निर्देश: बिना सत्यापन किसी को भी किराए पर मकान न दिया जाए।
2. किरायेदार और अस्थायी निवासियों की जाँच
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बिना सत्यापन किराए पर रहने वालों की सूची बनाई जाए।
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मकान मालिकों को भी जिम्मेदार बनाया जाए।
3. ‘ऑपरेशन-चक्रव्यूह’ के तहत विशेष चेकिंग अभियान
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जगह: प्रमुख चौराहे, सीमावर्ती मार्ग, संवेदनशील क्षेत्र।
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फोकस: बिना नंबर प्लेट वाले वाहन, संदिग्ध गतिविधियाँ।
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लक्ष्य: अपराधियों की धरपकड़ और अवैध गतिविधियों पर अंकुश।
4. मादक पदार्थों और अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई
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बीएचयू परिसर और गंगा घाटों के पास ड्रग्स की बिक्री/सेवन पर प्रतिबंध।
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कड़ी चेतावनी: शिकायत मिलने पर तत्काल कठोर कार्रवाई।
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लक्षित अपराध:
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अवैध शराब और शस्त्र की तस्करी
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गौ-तस्करी
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माफियाओं और संगठित गिरोहों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई
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इस अभियान का संभावित उद्देश्य और महत्व:
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काशी की सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतिष्ठा की रक्षा।
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घुसपैठियों और संगठित अपराध पर कड़ा नियंत्रण।
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स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा और विश्वास बहाली।
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शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा।