उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो के आधार पर एक स्कूल की शिक्षिका पर छात्र को अन्य बच्चों से पिटवाने का आरोप लगा था। मोहम्मद जुबैर, संजय सिंह, सदफ अमीन जैसे कइयों ने अपने सोशल मीडिया हैंडलों के जरिए इस मामले को सांप्रदायिक एंगल देने का प्रयास किया। इस्लामी मुल्क क़तर के मीडिया संस्थान ‘अल जजीरा’ ने भी विदेश से बैठ कर इस मामले में हिन्दू-मुस्लिम की हवा देनी शुरू की।
हालाँकि, पहले पुलिस और बाद में खुद छात्र के अब्बा ने मामले में किसी भी सांप्रदायिक एंगल से इनकार कर दिया। अब उसी स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ाने वाले एक अन्य मुस्लिम व्यक्ति ने ऑपइंडिया से बात करते हुए स्कूल की शिक्षिका को सांप्रदायिक बताने वालों की आलोचना की है।
यह घटना मुजफ्फरनगर जिले के थाना क्षेत्र मंसूरपुर की है। यहाँ के गाँव खुब्बापुर में ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ है। तृप्ता त्यागी नाम की महिला टीचर का वीडियो वायरल होने के बाद ऑपइंडिया ने खुब्बापुर गाँव के ही मुस्लिम ग्रामीण आरिब से बात की। आरिफ ने इस घटना को सांप्रदायिक एंगल दे रहे लोगों से नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि न सिर्फ उनकी बेटी बल्कि 2 भांजे भी ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ में पढ़ते हैं और आज तक कभी भी उनके बच्चों के साथ मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया गया।
उन्होंने खुद बचपन में तृप्ता त्यागी से ट्यूशन पढ़ा। तृप्ता ने आरिब को अंग्रेजी पढ़ाई थी। आरिब का दावा है कि तृप्ता ने उनके साथ कभी भी हिन्दू या मुस्लिम समझ कर भेदभाव नहीं किया। हमसे बात करते हुए अरिब ने आगे बताया कि अब उनकी एक 2 साल की बेटी है जिसे वो ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी बच्ची बहुत अच्छे से स्कूल में पढ़ रही है और कभी भी उनके साथ कोई मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं हुआ।
मोहम्मद आरिब ने यह भी कहा कि जिन मैडन तृप्ता त्यागी को इतना बदनाम किया जा रहा है कई बार वो बच्चों को बिना पैसे के पढ़ाती हैं। उन्होंने कहा कि वो खुद टीचर त्यागी की दरियादिली के गवाह हैं। साथ ही आरिब ने दावा किया कि जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा उसमें तमाम काट-छाँट है जबकि असल वीडियो में टीचर में एक भी बात गलत नहीं बोली है।
ऑपइंडिया ने तृप्ता त्यागी के परिजनों से भी बात की। उन्होंने बताया कि स्कूल क्लास 1 से 5 तक है। कुल छात्रों की सँख्या लगभग 55 है। इन 55 छात्रों-छात्राओं में उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लगभग 25 छात्र बताए। साथ ही उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी ऐसा मामला सामने नहीं आया था और न ही उनकी सोच किसी मजहब आदि के खिलाफ है।