मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को चौथी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के अवसर पर कहा कि यह भूमि भगवान श्रीराम की है, गोपेश्वर श्रीकृष्ण की है, बाबा विश्वनाथ की है, ऋषि मुनियों की कृपा भूमि है, मां गंगा, यमुना और सरयू जैसी नदियों का आशीर्वाद भी इसको प्राप्त हुआ है, यह धन्य भूमि है, पुण्य भूमि है, यह उद्यम और उद्यमता की भी भूमि है। आज उत्तर प्रदेश भारत के श्रम शक्ति पुंज को एक अर्थशक्ति पुंज के रूप में बनाने की ओर अग्रसर हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में हमारा देश 11वीं अर्थव्यवस्था से 5वीं अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी जी के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं। यह मोदी जी की गारंटी है, इस पर यूपी को भी यकीन है। इस संकल्प के साथ जुड़ते हुए उत्तर प्रदेश ने स्वयं को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हमने स्किल, स्केल और स्पीड पर फोकस किया है। आप सभी उद्यमियों का सहयोग मिलता रहा तो यह लक्ष्य निश्चित ही सिद्ध होगा।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में निवेशकों का ड्रीम डेस्टिनेशन बने 'नए उत्तर प्रदेश' की निवेश फ्रेंडली नीतियों की झलक को GBC@IV के माध्यम से दुनिया देख रही है।
इस ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की सफलता बता रही है कि 'नया उत्तर प्रदेश' निवेशकों हेतु सुरक्षा, सुविधा व संभावनाओं… pic.twitter.com/5NlC8ZytYg
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 19, 2024
सीएम योगी ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि आज जब भारत अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है तब इस ऐतिहासिक कालखंड में हम सभी इसके साक्षी और सहभागी बन पा रहे हैं। हमारा सौभाग्य है कि भारत के अमृतकाल के सारथी के रूप में हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का यशस्वी मार्गदर्शन और नेतृत्व प्राप्त हो रहा है। वर्ष 2018 के प्रथम इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री जी ने लखनऊ में कहा था कि यूपी में वैल्यूज है, वर्च्युज है, लेकिन इस बदले हुए समय में वैल्यू एडिशन की ज्यादा आवश्यकता है। सिर्फ वर्क कल्चर से नहीं, सिर्फ बिजनेस कल्चर से ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में यूपी की जो स्ट्रेंथ है उसमें वैल्यू एडिशन की बहुत जरूरत है। आज 6 वर्ष बाद यह कहने में प्रसन्नता हो रही है कि प्रधानमंत्री जी के इन शब्दों को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश ने अपनी नीतियां बनाईं, जिसके परिणामस्वरूप 6 वर्ष के भीतर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का यह चौथा संस्करण आयोजित हो रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि निवेश और औद्योगिक निवेश के बारे में भारतीय मनीषा क्या कहती आई है। आचार्य कौटिल्य ने कहा था कि आर्थिक समृद्धि के लिए तीन तत्वों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। पहली भूमि, दूसरी जनसंख्या और तीसरी पूंजी। यह कहते हुए गौरव की अनुभूति हो रही है कि यह तीनों तत्व आज उत्तर प्रदेश में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। वर्ष 2018 में जब हमने यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था, तब हमारी सरकार ने अपना पहला ही वर्ष पूरा किया था,लेकिन ट्रांसफॉर्मेशन के उस शुरुआती चरण में भी आपने प्रदेश पर विश्वास जताया और परिणामस्वरूप 4.28 लाख करोड़ रुपए के प्रस्ताव उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुए थे। आप सबके सहयोग से मात्र 5 माह में यानी जुलाई 2018 में पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 61 हजार 700 करोड़ के निवेश वाली परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया। जुलाई 19 में दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया, जिसमें 67 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों का शुभारंभ हुआ। कोविड कालखंड के बावजूद तीसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह अन्य दो संस्करणों की तुलना में और भी भव्य था, जिसमें 80 हजार करोड़ की परियोजनाओं का आरम्भ किया गया। इन सभी परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं आगे बढ़ीं।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कर-कमलों द्वारा लखनऊ में आज GBC@IV में ₹10 लाख 11 हजार करोड़ की परियोजनाओं का भूमिपूजन संपन्न हुआ।
भारत के 'श्रमशक्ति-पुंज' को एक 'अर्थशक्ति-पुंज' के रूप में बनाने की ओर उत्तर प्रदेश अग्रसर हुआ है।
प्रदेश वासियों को बधाई एवं GBC@IV… pic.twitter.com/vkPnRbnJXb
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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निवेश की संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि 10-12 फरवरी 2023 के बीच आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की अभूतपूर्व सफलता से आप सभी परिचित हैं और उसके सहभागी रहे हैं। देश और दुनिया के उद्योग जगत ने हम पर विश्वास जताया। हमारी नीतियों पर भरोसा दिखाया और उत्तर प्रदेश को अब तक 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। आज इन्हीं निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का उत्सव है। आज प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का भूमि पूजन संपन्न होने जा रहा है। नया उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश से अब उद्यम प्रदेश बनकर भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित भारत के संकल्प में एक विकसित उत्तर प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह ट्रांसफॉर्मेशन, ये बदलाव, ये स्पीड विकसित भारत के विकसित उत्तर प्रदेश की नई पहचान है। आपके सहयोग से क्रियान्वित हो रही ये परियोजनाएं न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। आज के इस जीबीसी में न केवल औद्योगिकीकरण को गति मिलेगी बल्कि प्रदेश के 34 लाख से अधिक युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध करने का अद्भुत अवसर होगा।
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश की विकासगाथा का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 और 2017 के पहले उत्तर प्रदेश के नाम से लोग घबराते थे, आने से कतराते थे। आज वही यूपी अपनी प्रतिभा और अनलिमिटेड पोटेंशियल को पहचान बना कर सुरक्षा, सुशासन और विकास से जुड़ चुका है। देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश की अर्थव्यवस्था में 9.2 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। हमारा राज्य आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर अपनी पहचान सशक्त कर रहा है। उत्तर प्रदेश के ट्रांसफॉर्मेशन से आप सभी सुपरिचित हैं। देश का 55 प्रतिशत एक्सप्रेसवे इसी प्रदेश में है। सबसे बड़ा रेल और रोड नेटवर्क भी यहीं पर है। ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन भी इसी उत्तर प्रदेश में है। सबसे ज्यादा एयरपोर्ट वाला प्रदेश भी उत्तर प्रदेश ही है। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। अभी हाल ही में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए नया एक्सप्रेस बनाने का निर्णय लिया है। ये एक्सप्रेसवे प्रदेश के कोने-कोने में मैन्युफैक्चरिंग के केंद्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान कर रहे हैं। हमारी तैयारी है कि अगले वर्ष की शुरुआत में जब आप प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए आएं तो गंगा एक्सप्रेसवे का सुखद अनुभव आपको प्राप्त हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में जल, थल और नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी है। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि उत्तर प्रदेश अपने लैंड लॉक स्टेट के बंधन को समाप्त कर चुका है। वाराणसी से हल्दिया तक यूपी पूर्वी बंदरगाह से जलमार्ग से जुड़ चुका है। उत्तर प्रदेश ने इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी का भी गठन किया है। ईज ऑफ बिजनेस और लीड्स रैंकिंग में हम अचीवर स्टेट हैं। यहां लैंड भी पर्याप्त है, बिजली भी भरपूर है। न मैन पावर की कमी है और न विल पावर का अभाव है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस, निवेश मित्र पोर्टल, निवेश सारथी पोर्टल, इन्सेंटिव मॉनीटरिंग सिस्टम के साथ ही प्रदेश की इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली पॉलिसी का परिणाम है कि आज हर निवेशक यहां आना चाहता है। इसमें हर एक व्यक्ति की जवाबदेही है और पारदर्शिता है। उत्तर प्रदेश हर निवेशक का सम्मान करता है। अब तो लोग कहने लग गए हैं कि सुरक्षित निवेश यानि उत्तर प्रदेश। एक अभिनव प्रयास करते हुए हमारी सरकार ने प्रदेश में एफडीआई और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनियों के निवेश को आकर्षित करने के लिए भी एक समर्पित नीति घोषित की है। किसी भी राज्य द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का यह अपनी तरह पहला प्रयास है। इसका लाभ आप लोग अवश्य लेंगे।