यूपी एसटीएफ ने शराब घोटाले में नकली होलोग्राम केस में व्यवसायी अनवर ढेबर को मंगलवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया है। ढेबर पर नोएडा में नकली होलोग्राम बनाने के मामले पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बीते दिनों हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद से ढेबर रिहाई का इंतजार कर रहे थे। अनवर की गिरफ्तारी के बाद राजधानी रायपुर में मंगलवार की रात से ही बवाल मच गया है।
शराब घोटाले में जमानत पर छूटे कारोबारी अनवर ढेबर को नकली होलोग्राम मामले में यूपी के नोएडा थाने से गिरफ्तार करने पहुंची और रायपुर सेंट्रल जेल से बाहर निकलते ही यूपी एसटीएफ ने प्रोडक्शन वारंट पर कस्टडी में ले लिया। इस दौरान जेल परिसर में काफी संख्या में मौजूद अनवर समर्थक यूपी एसटीएफ से भिड़ गए और हंगामा खड़ा हो गया। इस दौरान धक्कामुक्की भी हुई। जेल प्रशासन ने परिसर में रायपुर पुलिस को बुलवा लिया। गहमागहमी के बीच यूपी एसटीएफ अनवर को सिविल लाइंस थाने ले गई तो समर्थक वहां भी पहुंच गए। थाने के गेट बंद कर दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि 2000 करोड़ से अधिक के शराब घोटाला मामले में नकली होलोग्राम बनाने को लेकर अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी की 19 जून को मेरठ में पेशी होनी है। इसके लिए यूपी पुलिस ने रायपुर न्यायलय में आवेदन दाखिल कर प्रोडक्शन वारंट की मांग की थी।सोमवार को कोर्ट ने तीन में से दो आरोपित अनवर और अरुण को यूपी ले जाने की इजाजत दे दी।
ईडी की जांच के अनुसार, पिछली कांग्रेस सरकार में बड़े स्तर के अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था।शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी की गई। राज्य में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया. डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की परमिशन देने के लिए घूस ली गई थी । इस घोटाले के जरिए साल 2019-22 में 2 हजार करोड़ से अधिक के काले धन की कमाई की गई। वहीं मनी लॉन्ड्रिंग मामला साल 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा।