विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष अजय बंगा ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर मुलाकात की। उत्तर प्रदेश के दौरे पर लखनऊ पहुंचे बंगा ने इससे पहले कहा कि उनकी यात्रा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के तेजी से हो रहे विकास में बढ़ती वैश्विक रुचि को दर्शाती है, क्योंकि राज्य 1 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश और भारत के व्यापक आर्थिक परिदृश्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण संकेत देता है, क्योंकि इसमें तीन प्रमुख पहलू उभरते हैं:
1. उत्तर प्रदेश का वैश्विक आर्थिक कनेक्शन मज़बूत हो रहा है
- अजय बंगा, विश्व बैंक प्रमुख और भारतीय मूल के वैश्विक आर्थिक नेतृत्वकर्ता, का यूपी दौरा बताता है कि:
- “1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी” लक्ष्य की दिशा में यूपी की योजनाएँ गंभीरता से देखी जा रही हैं।
- पश्चिम और पूर्वी यूपी के कृषि अंतर को पाटने के लिए “UP-AGRIS” कार्यक्रम में विश्व बैंक की संभावित साझेदारी एक गेमचेंजर हो सकती है।
- महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और टेक-होम राशन (THR) जैसे योजनाओं में भी विश्व बैंक की सीधी भागीदारी बढ़ेगी।
लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आज विश्व बैंक समूह के माननीय अध्यक्ष श्री अजय बंगा जी से शिष्टाचार भेंट हुई।@WorldBank pic.twitter.com/ihIsObKDjt
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 9, 2025
2. भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर विश्व बैंक का दोहरा संदेश
- एक ओर विश्व बैंक कहता है कि:
- 2011-12 से 2022-23 के बीच अत्यधिक गरीबी 16.2% से घटकर 2.3% हो गई – यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।
- 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं – जो मोदी सरकार की नीतियों के लिए बड़ा समर्थन है।
- दूसरी ओर, हालिया रिपोर्ट में:
- FY 2025-26 के लिए विकास दर का अनुमान घटाकर 6.3% किया गया है।
- निजी निवेश और सरकारी पूंजी खर्च की धीमी गति को इसकी वजह बताया गया है।
यानी भारत के समग्र सुधार के बावजूद, निजी निवेश और पूंजीगत व्यय पर और काम करने की जरूरत है।
3. भारत के लिए वैश्विक मंच पर नया अवसर
- अजय बंगा का यूपी में आना और प्रधानमंत्री मोदी से मिलना बताता है कि भारत विश्व बैंक जैसे संस्थानों के साथ साझेदारी में केंद्र में है।
- यह भारत के लिए एक नीति-निर्माण में साझेदारी और निवेश आमंत्रण का सुनहरा अवसर है, विशेषकर ग्रामीण, कृषि और महिला सशक्तिकरण क्षेत्रों में।
यह दौरा केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं है – यह “न्यू इंडिया” की छवि को मजबूत करने, वैश्विक संस्थाओं को राज्य स्तर पर जोड़ने और भारत की गरीबी उन्मूलन की प्रगति को वैश्विक मान्यता दिलाने की दिशा में एक ठोस कदम है।