ज्ञानवापी में व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वहां पर यथास्थिति बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि व्याजजी तहखाने में पूजा होती रहेगी. कोर्ट ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर नोटिस जारी किया और अब इस मामले पर जुलाई के तीसरे हफ्ते में सुनवाई होगी.
वाराणसी जिला कोर्ट ने 17 जनवरी को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए, हिंदू पक्ष को व्यास जी तहखाने में पूजा करने का आदेश दिया था. इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 31 जनवरी बरकरार रखा था. इन दोनों फैसलों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 17 जनवरी और 31 जनवरी (तहखाने के अंदर पूजा की अनुमति) के आदेशों के बाद मुस्लिम समुदाय ज्ञानवापी मस्जिद में बिना किसी बाधा के ‘नमाज’ पढ़ते हैं. वहां पर यथास्थिति बनाए रखना जरूरी है.
हिंदू पक्ष से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टियों और अन्य से 30 अप्रैल तक जवाब मांगा है.
क्या है पूरा मामला?
मालूम हो कि साल 1993 तक व्यास परिवार इस तहखाने में पूजा करते रहा है, लेकिन लोहे के रॉड से तहखाने से रास्ता बंद कर दिया गया था. इसके बाद से ही इसे खुलवाने की लड़ाई चल रही है. व्यास परिवार कि ओर से केस लड़ रहे है शैलेश पाठक ने कहा कि 30 जुलाई 1996 में एडवोकेट कमिश्नर इसके सर्वे के लिअ पहुंचे थे, लेकिन प्रशासन की ओर से ताला न खुलने की वजह से इसका सर्वे नहीं हो सका था.
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख
दरअसल बीती 31 जनवरी को वाराणसी की अदालत ने अपने एक आदेश में हिंदू श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी थी। वाराणसी की अदालत के इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हालांकि हाईकोर्ट ने कमेटी की याचिका खारिज कर दी और जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा। अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।