अब हाइब्रिड कारों पर आम लोग सीधे साढ़े तीन लाख रूपये तक की बचत कर सकते हैं.यूपी सरकार ने हाइब्रिड व्हीकल के रजिस्ट्रेशन फीस पर सौ प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है. ऑटोमोबाइल सेक्टर के जानकार बता रहे हैं कि सरकार ने ये फ़ैसला हाइब्रिड कारों के कम बिक्री होने की वजह से लिया है. सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से हाइब्रिड कारों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा.
कितनी होगी बचत
यूपी सरकार मौजूदा समय में 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली गाड़ियों पर 8 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक प्राइस वाले व्हीकल पर 10 फीसदी टैक्स वसूलती है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस फैसले से सरकार पर तत्काल कोई बड़ा बोझ नही पड़ेगा क्यूंकि मौजूदा समय में हाइब्रिड कारों की कम बिक्री होने के कारण रोड टैक्स माफ करने से सरकार के खजाने पर अधिक असर नहीं पड़ेगा.
दो विकल्प के साथ मौजूद
हाइब्रिड गाड़ियां उनको कहते हैं जिनमें एक साथ दो विकल्प होते हैं.ये कारें पेट्रोल या डीजल के साथ-साथ इलेक्ट्रिक मोटर के साथ आती है. वाहन पेट्रोल इंजन पर चलते वक्त इलेक्ट्रिक इंजन को चार्ज करता है. हाइब्रिड कारें का उद्देश्य उपयोगकर्ता को अच्छा माइलेज प्रदान करना है.
मिलता है अधिक माइलेज
हाइब्रिड वाहनों की बिक्री में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है. हाइब्रिड को खरीदने में ज्यादा आसानी होती है, जिन्हें इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरह सपोर्टेड चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती है, पेट्रोल कारों के मुकाबले हाइब्रिड कारें अधिक माइलेज देती है. माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम ग्रीन व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए किया है. दरअसल यूपी में इन कारों की बिक्री कम हो गई थी इसिलए यह फैसला इन कारों की बिक्री बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है. यूपी सरकार का यह नियम 1 जुलाई से लागू हो चुका है. मतलब आप जुलाई से जो भी हाईब्रिड कारें खरीदेंगे उसपर आपको रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं देना होगा.