उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आगामी महाकुम्भ 2025 को स्वच्छ और पर्यावरण मित्र बनाने के लिए एक अनूठी पहल कर रही है। यह पहल प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
महत्वपूर्ण पहल:
- दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकानें आवंटित करना:
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए सरकार ने दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकानें आवंटित करने का निर्णय लिया है। इससे प्लास्टिक का उपयोग कम किया जाएगा और पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को रोका जा सकेगा। - स्वच्छता अभियान:
अपर मेलाधिकारी (कुम्भ) विवेक चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि इस पहल के तहत 400 स्कूलों के प्राचार्यों के साथ एक स्वच्छता बैठक आयोजित की गई है, ताकि बच्चों और छात्रों को स्वच्छता का संदेश दिया जा सके। इन्हें स्वच्छता का संदेशवाहक बना कर, महाकुम्भ में प्लास्टिक मुक्त वातावरण की जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
उद्देश्य और लाभ:
- प्लास्टिक का उपयोग कम करना: यह पहल महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाने के उद्देश्य से की जा रही है। इससे न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि श्रद्धालुओं को भी स्वच्छ वातावरण मिलेगा।
- शिक्षा और जागरूकता: स्कूलों के माध्यम से नए पीढ़ी को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे इस प्रयास का हिस्सा बनकर महाकुम्भ को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बना सकें।
- स्थानीय विक्रेताओं को अवसर: दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकानें आवंटित कर, स्थानीय व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है और साथ ही पर्यावरण की रक्षा की जा रही है।
यह पहल महाकुम्भ के आयोजन को और अधिक व्यवस्थित, स्वच्छ और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
1500 से ज्यादा गंगा सेवादूत होंगे तैनात
विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि 1500 से अधिक गंगा सेवादूतों को तैनात किया जा रहा है, जो मेले में स्वच्छता अभियान चलाएंगे और श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके मुताबिक, इनका प्रशिक्षण शुरू हो चुका है और आवश्यकता के अनुसार इनकी संख्या में वृद्धि किए जाने की भी योजना है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ‘हर घर दस्तक’ अभियान चलाया जा रहा है, ताकि हर व्यक्ति इस पहल में सहभागी बन सके।
किसी दुकान में नहीं मिलेंगे प्लास्टिक बैग
चतुर्वेदी ने बताया कि इसके साथ ही, सभी सुविधा पर्चियों में प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ का संदेश दिया जा रहा है ताकि श्रद्धालु जागरूक रहें और प्लास्टिक का उपयोग न करें। अपर मेलाधिकारी ने बताया कि महाकुम्भ में तैनात सभी संस्थाओं और विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे प्लास्टिक मुक्त कुम्भ के नियमों का पालन करें तथा निर्देश का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। ऐसे में साफ है कि कुम्भ मेले के दौरान किसी भी दुकान में प्लास्टिक बैग नहीं मिलेंगे।
महाकुम्भ के दौरान एम्स और सेना के डॉक्टर करेंगे इलाज
महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल तैयार किया जा रहा है। यहां एम्स रायबरेली और सेना के अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात किए जा रहे हैं। इस अस्पताल का दायित्व संभाल रहे वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो, इसके लिए पुख्ता तैयारी है। परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल लगभग 70 फीसदी बन गया है। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान यहां 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी, जहां ओपीडी की क्षमता के हिसाब से सुविधाएं मौजूद रहेंगी तथा इसमें पुरुष, महिला और बच्चों के लिए अलग वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। दूबे ने बताया कि इसके अलावा, प्रसूति कक्ष, आपातकालीन वार्ड और डॉक्टर कक्ष के साथ ही यहां जांच की भी विशेष व्यवस्था होंगी।
आठ छोटे अस्पताल भी होंगे
गौरव दुबे बताया कि इसके साथ ही विशेष सुविधाओं वाले 20-20 बेड के आठ छोटे अस्पताल भी तैयार किया जा रहे हैं। ‘आर्मी हॉस्पिटल’ की ओर से मेला क्षेत्र और अरैल में 10-10 बेड के दो आईसीयू बनाए जा रहे हैं, जहां श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। वहीं, झूंसी के 25 बेड वाले अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू एम्स रायबरेली बनाएगा जहां 24 घंटे मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल की सुविधा उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए भी दो अस्पतालों का इंतजाम किया गया है, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी।