मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार उत्तर प्रदेश के छोटे से छोटे शहर का कायाकल्प करने जा रही. उनकी सरकार ने एक नई ‘उत्तर प्रदेश टाउनशिप पॉलिसी 2023’ को मंजूरी दी है. ये पॉलिसी ना सिर्फ राज्य में शहरीकरण को बढ़ावा देगी, बल्कि अरबनाइजेशन के मामले में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी अंतर को भी दूर करेगी. वहीं गरीब और लोअर मिडिल क्लास के लिए वरदान बनेगी. क्या होगी ये पॉलिसी, कैसे बदलेगी आपके-हमारे शहर को, कैसे होंगे नए बनने वाले मोहल्ले-कॉलोनियां?
उत्तर प्रदेश की ये नई टाउनशिप पॉलिसी अखिलेख यादव की सरकार के दौर में लाई गई ‘इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी-2014’ का स्थान लेगी. वहीं ‘उत्तर प्रदेश नगर योजना विकास अधिनियम-1973’ में संशोधन के लिए एक अध्यादेश लाने को भी मंजूरी दी है. नई टाउनशिप नीति का सबसे बड़ा प्वॉइंट 2 लाख से कम आबादी वाले शहरों में भी योजनाबद्ध विकास यानी प्लान्ड डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है.
छोटे शहरों में भी साढ़े 12 एकड़ में बन सकेगी टाउनशिप, आज बैठक में मिलेगी कई प्रस्तावों को मंजूरीhttps://t.co/gwFFHBOTnN
— Information and Public Relations Department, UP (@InfoDeptUP) June 28, 2023
चौड़ी गलियां-कॉलोनियां होंगी प्लान
प्रस्तावित नीति के हिसाब से अब कम से कम 12.5 एकड़ भूमि पर भी टाउनशिप प्लान की जा सकेगी, पहले इसके लिए न्यूनतम 25 एकड़ भूमि चाहिए होती थी. इससे छोटे शहरों में प्लान्ड कॉलोनियां बनाने में मदद मिलेगी. कम आबादी वाले शहरों में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी जैसे कॉन्सेप्ट को बढ़ावा मिलेगा. वहीं बड़े शहरों में टाउनशिप बनाने के लिए न्यूनतम भूमि 25 एकड़ ही चाहिए होगी.
नई पॉलिसी में साफ किया गया है कि टाउनशिप तक पहुंच के लिए 25 मीटर चौड़ी सड़क देना अनिवार्य होगा, जबकि कॉलोनी के अंदर भी कम से कम 12 मीटर चौड़ी सड़क देनी होगी. इससे लोगों को मोहल्ले के अंदर खुली और चौड़ी सड़कें नसीब होंगी. संकरी गलियों का दौर खत्म होगा.
पैदल होगी घर से ऑफिस की दूरी
नई टाउनशिप पॉलिसी में घर और दफ्तर को पास-पास बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा. यानी सरकार की कोशिश होगी कि ऐसी कॉलोनियां या टाउनशिप विकसित की जाएं जहां लोगों के लिए घर से दफ्तर की दूरी सिर्फ वॉकिंग डिस्टेंस पर हो. इसका मकसद पीक ऑवर्स में सड़कों पर लंबे-लंबे जाम से छुटकारा पाना है. वहीं हॉरिजोंटल विकास के लिए सरकार चंडीगढ़ की जैसी टाउनशिप प्लानिंग को बढ़ावा देगी. इसमें पैदल यात्रियों के लिए पर्याप्त फुटपाथ और खराब जगह को ग्रीन बेल्ट में बदलने का प्रावधान शामिल है.
गरीब-मिडिल क्लास के लिए बनेगी वरदान
इस पॉलिसी में गरीब और लोअर मिडिल क्लास का खास ध्यान रखा गया है. सरकार से मंजूरी पाने वाली टाउनशिप योजनाओं में 20 प्रतिशत आवास आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और लोअर इनकम ग्रुप (एलआईजी) के लिए आरक्षित रखे जाएंगे. वहीं क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए वेटलैंड, वाटर बॉडीज और बाढ़ क्षेत्र को टाउनशिप के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा.