मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 16वें वित्त आयोग के समक्ष रखे गए बिंदुओं की प्रस्तुति एक रणनीतिक और तथ्यों पर आधारित प्रयास था, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक, पर्यावरणीय और वित्तीय परिस्थितियों को रेखांकित करते हुए न्यायोचित वित्तीय सहायता की मांग की। इस बैठक की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं:
मुख्य अनुरोध और सुझाव:
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पर्यावरणीय मुआवजा – “ईको सर्विस कॉस्ट”:
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राज्य का 70% भूभाग वनों से आच्छादित है। इससे विकास कार्यों पर प्रतिबंध तो लगता ही है, साथ ही वन संरक्षण पर व्यय भी बढ़ता है।
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मुख्यमंत्री ने “पर्यावरण संघवाद” की भावना के अनुरूप उचित मुआवजा देने की मांग की।
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“कर-हस्तांतरण” में वन क्षेत्र भार में 20% की वृद्धि का सुझाव:
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वन क्षेत्र के आधार पर कर हस्तांतरण फार्मूले में अधिक भार तय करने का सुझाव दिया गया।
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वृहत विशेष अनुदान की मांग:
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वन प्रबंधन, जल स्रोत संरक्षण (भागीरथ ऐप), टेलीमेडिसिन, स्मार्ट क्लास जैसे प्रयासों को समर्थन देने के लिए विशेष अनुदान देने की अपील।
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राजस्व क्षति की भरपाई हेतु ‘रेवेन्यू नीड ग्रांट’:
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‘रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट’ की जगह ‘रेवेन्यू नीड ग्रांट’ का प्रस्ताव दिया गया।
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जल विद्युत परियोजनाओं में नुकसान की भरपाई:
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गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किए जाने के बाद लगी पाबंदियों से जल विद्युत उत्पादन घटा है। प्रभावित परियोजनाओं की क्षतिपूर्ति की मांग की गई।
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फ्लोटिंग पापुलेशन से जुड़ी चुनौतियां:
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चारधाम जैसे तीर्थ स्थलों पर आने वाली अस्थायी जनसंख्या के लिए मूलभूत ढांचा विकसित करने में अतिरिक्त लागत आती है। इसके लिए अलग सहायता मांगी गई।
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लोकेशनल डिसएडवांटेज और उद्योग प्रोत्साहन:
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2010 के बाद औद्योगिक पैकेज की समाप्ति से हुई क्षति को रेखांकित करते हुए नई नीति या सहायता की जरूरत बताई गई।
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राजकोषीय अनुशासन को डिवोल्यूशन फार्मूले में शामिल करने की मांग:
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राज्यों के वित्तीय अनुशासन और टैक्स प्रयास को हिस्सा निर्धारण का मापदंड बनाए जाने का सुझाव।
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सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया जी एवं अन्य सदस्यों के साथ बैठक में उत्तराखण्ड की वित्तीय आवश्यकताओं, संरचनात्मक चुनौतियों और राज्य की विशिष्ट भौगोलिक-सामाजिक परिस्थितियों के आलोक में राज्य का पक्ष प्रस्तुत किया।
इस दौरान ‘‘इनवॉयरमेंटल फेडरलिज्म’’ की… pic.twitter.com/jSvbPhXFBw
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 19, 2025
आर्थिक प्रगति और उपलब्धियां (प्रस्तुतीकरण में शामिल):
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प्रति व्यक्ति आय में 11.33% वृद्धि, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
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बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4% की कमी।
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एक लाख करोड़ से अधिक का बजट आकार।
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एसडीजी सूचकांक (2023-24) में अग्रणी प्रदर्शन।
16वें वित्त आयोग की प्रतिक्रिया:
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अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने राज्य की प्रगति की सराहना की।
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उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों की विशिष्ट चुनौतियों को स्वीकार करते हुए नीति निर्माण में उनके समाधान पर विचार करने का आश्वासन दिया।
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आयोग 31 अक्टूबर 2025 तक रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा।
इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह उत्तराखंड राज्य की स्थापना की रजत जयंती वर्ष (25 वर्ष) में आयोजित हुई, और मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर का उपयोग राज्य के दीर्घकालिक हितों को वित्त आयोग के समक्ष प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने में किया।