हरिद्वार जमीन घोटाले में बड़ी कार्रवाई: दो IAS, एक PCS सहित कुल 10 अफसर निलंबित, मुख्यमंत्री धामी ने सख्त रुख अपनाया
उत्तराखंड के हरिद्वार में ज़मीन ख़रीद घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्त कार्यप्रणाली के तहत राज्य सरकार ने दो IAS, एक PCS और अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह मामला सराय गांव में नगर निगम द्वारा नियमों को ताक पर रखकर सस्ते कृषि भूमि को भू उपयोग बदलकर महंगे दामों पर खरीदने से जुड़ा है, जिसकी कुल लागत ₹53.70 करोड़ बताई गई है, जबकि जमीन की वास्तविक कीमत ₹13 करोड़ के आसपास थी।
हरिद्वार जमीन घोटाले में बड़ी कार्रवाई: दो IAS, एक PCS सहित कुल 10 अफसर निलंबित, मुख्यमंत्री धामी ने सख्त रुख अपनायाक्या है पूरा मामला?अब तक कार्रवाई में कौन-कौन शामिल?नए निलंबित अधिकारी (29 मई की रिपोर्ट के बाद):पहले से निलंबित अधिकारी:जिनका सेवा विस्तार समाप्त हुआ:जांच और रिपोर्टमुख्यमंत्री धामी का सख्त संदेशमहत्वपूर्ण बिंदु
क्या है पूरा मामला?
- सितंबर-अक्टूबर 2023 में हरिद्वार नगर निगम ने 33-34 बीघा जमीन खरीदी।
- ज़मीन की भू-श्रेणी बदली गई, जिससे उसकी कीमत कृत्रिम रूप से बढ़ाई गई।
- ज़मीन को कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त क्षेत्र से लिया गया और तीन गुना से ज्यादा दाम में खरीदा गया।
- श्रेणी बदलने की प्रक्रिया 3 से 21 अक्टूबर के बीच चली – यानी ज़मीन खरीद की प्रक्रिया के साथ-साथ ही ‘खेल’ किया गया।
- तत्कालीन एसडीएम अजय वीर सिंह ने सिर्फ 17 दिन में पूरी प्रक्रिया पूरी कर दी और नियमों को दरकिनार कर नया मिश्लबंद बनाया।
अब तक कार्रवाई में कौन-कौन शामिल?
नए निलंबित अधिकारी (29 मई की रिपोर्ट के बाद):
- IAS कर्मेंद्र सिंह – हरिद्वार जिलाधिकारी और नगर निगम प्रशासक
- IAS वरुण चौधरी – नगर आयुक्त, हरिद्वार
- PCS अजयवीर सिंह – तत्कालीन उपजिलाधिकारी
- निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी
- विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक
- राजेश कुमार – कानूनगो, हरिद्वार तहसील
- कमलदास – मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, हरिद्वार तहसील
पहले से निलंबित अधिकारी:
- आनंद कुमार मिश्रवाण – प्रभारी अधिशासी अभियंता
- लक्ष्मीकांत भट्ट – कर एवं राजस्व अधीक्षक
- दिनेश चंद कांडपाल – अवर अभियंता
जिनका सेवा विस्तार समाप्त हुआ:
- रविंद्र कुमार दयाल – प्रभारी सहायक नगर आयुक्त
- संपत्ति लिपिक (नाम नहीं उजागर)
जांच और रिपोर्ट
- मुख्यमंत्री धामी ने जांच के आदेश दिए थे।
- जांच का जिम्मा सौंपा गया था IAS रणवीर सिंह चौहान को, जो गन्ना एवं चीनी सचिव हैं।
- उन्होंने 29 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें प्रथम दृष्टया भारी अनियमितताएं और कर्तव्य की अनदेखी सामने आईं।
- जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि भूमि खरीद में शासनादेशों की अनदेखी, नियम प्रक्रिया का उल्लंघन, और पारदर्शिता का अभाव रहा।
मुख्यमंत्री धामी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा:
“हमने पहले दिन से ही स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में ‘पद’ नहीं, ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण हैं। चाहे व्यक्ति कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो, यदि वह जनहित और नियमों की अवहेलना करेगा तो कार्रवाई निश्चित है। हम एक भ्रष्टाचार मुक्त, उत्तरदायी शासन प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं।”
महत्वपूर्ण बिंदु
- यह कार्रवाई उत्तराखंड की नौकरशाही के लिए एक चेतावनी मानी जा रही है।
- मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल में यह अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई मानी जा रही है।
- शासन ने IAS कर्मेंद्र सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राज्यपाल से स्वीकृति भी प्राप्त कर ली है।