राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू क्षमता को मजबूत करने के एक महत्वपूर्ण और साहसिक अभियान से जुड़ी है।
उच्च हिमालय में NDRF का विशेष ट्रैकिंग अभियान
केदार डोम (6,832 मीटर) पर चढ़ाई के लिए 44 सदस्यीय दल रवाना
मुख्य तथ्य:
- घोषणा: NDRF के महानिदेशक (DG) पीयूष आनंद ने दी।
- उद्देश्य:
- उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू क्षमता को बढ़ाना
- जवानों को उच्च ऊंचाई वाले खतरनाक और दुर्गम क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सक्षम बनाना
- शुभारंभ:
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया
- जवानों को शुभकामनाएं भी दीं
अभियान का मार्ग और क्षेत्र:
- दल के सदस्य: 44
- यात्रा मार्ग:
देहरादून → उत्तरकाशी → गंगोत्री → चिरबासा → भोजवासा → तपोवन → कीर्ति ग्लेशियर → केदार डोम चोटी (6,832 मीटर) - प्राकृतिक चुनौतियाँ:
- दुर्गम पर्वतीय रास्ते
- हिमनद (Glaciers)
- उच्च ऊंचाई से जुड़ी स्वास्थ्य और तकनीकी कठिनाइयाँ
समय की संवेदनशीलता:
- Time of Response को कम करने पर बल –
मतलब आपदा के समय तुरंत पहुंच और तेजी से राहत कार्य
महत्व और संभावित लाभ:
- यह ट्रैकिंग अभियान सिर्फ प्रशिक्षण नहीं, बल्कि रणनीतिक तैयारी का हिस्सा है
- भविष्य में उत्तराखंड या अन्य हिमालयी राज्यों में बर्फीले तूफान, भूस्खलन, या हिमस्खलन जैसी आपदाओं में NDRF की सीधी, त्वरित और प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित होगी
- जवानों का मानसिक और शारीरिक संबल उच्च हिमालयी परिस्थितियों के अनुकूल होगा