उत्तराखंड सरकार पयर्टकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यातायात जाम की समस्या के समाधान के लिए पार्किंग स्थलों का निर्माण तेज़ी से कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अगले पर्यटन सीजन से पहले पार्किंग स्थलों के निर्माण को प्राथमिकता देने की बात कही है।
प्रमुख बिंदु:
- पार्किंग स्थलों का निर्माण:
- 182 स्थानों पर 15,857 वाहन क्षमता वाली पार्किंग सुविधाएँ तैयार की जा रही हैं।
- अब तक 34 स्थानों पर पार्किंग बनकर तैयार हो चुकी है, जो 2,102 वाहनों के लिए है।
- 47 स्थलों पर निर्माण कार्य प्रगति पर है।
- मुख्य प्राधिकरण:
- एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) ऋषिकेश और देहरादून में 2,000 गाड़ियों की पार्किंग बना रहा है।
- ऊडा (उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण) इस परियोजना को अन्य विकास प्राधिकरणों के माध्यम से लागू कर रहा है।
- सड़क कनेक्टिविटी में सुधार:
- ऑल वेदर रोड, एक्सप्रेसवे, स्टेट हाईवे को अपग्रेड कर नेशनल हाईवे का दर्जा दिया गया है।
- पीएमजीएसवाई नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी मजबूत हुई है।
- चारधाम यात्रा और पर्यटन:
- बेहतर सड़क नेटवर्क के कारण चारधाम यात्रा और पर्यटन स्थलों पर रिकॉर्ड संख्या में भीड़ देखी गई है।
- जाम की समस्या के समाधान के लिए पार्किंग स्थलों का निर्माण आवश्यक है।
भविष्य की योजना:
सरकार युद्धस्तर पर पार्किंग स्थलों को तैयार करने का प्रयास कर रही है ताकि अगले पर्यटन सीजन में यात्रियों और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकें। यह कदम राज्य में बढ़ते पर्यटन और तीर्थयात्राओं को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
आंकड़ों पर एक नजर
- कुल प्रस्तावित पार्किंग – 182
- सरफेस – 57
- मल्टी स्टोरी – 107
- ऑटोमेटेड – 09
- टनल – 10
- कुल वाहन क्षमता – 15857
- पूर्ण हो चुकी हैं – 34
पहली बार टनल पार्किंग
पर्वतीय भू भाग होने के कारण, उत्तराखंड में भूतल और मल्टी स्टोरी पार्किंग के लिए जगह का संकट रहता है। इसलिए प्रदेश सरकार पहली बार, टनल पार्किंग का विकल्प आजमाने जा रही है। इसमें पहाड़ के अंदर सुरंग तैयार कर पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी। इसके लिए बागेश्वर, लक्ष्मणझूला, उखीमठ, कैम्प्टी फॉल, नैनबाग, तपोवन, उत्तरकाशी, यमुनोत्री मार्ग (उत्तरकाशी), नैनीताल (दो स्थानों पर) में टनल पार्किंग तैयार की जा रही है। उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (ऊडा) के मुख्य प्रशासक डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक टनल पार्किंग उत्तराखंड के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
“उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों और पयर्टकों का कीमती समय जाम में बर्बाद न हो इसके लिए प्रमुख पड़ावों पर पार्किंग निर्माण किया जा रहा है। जिलाधिकारियों को इसके लिए भूमि चयन प्राथमिकता पर करने को कहा गया है। इसका लाभ स्थानीय निवासियों को भी मिलेगा” – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री