जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से सटे कालागढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का मामला पर्यावरण संरक्षण और कानूनी अनुपालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों के तहत सरकारी जमीन को मुक्त कराना आवश्यक है, विशेष रूप से जब यह वन और पर्यावरण से जुड़ी हो।
मामले के प्रमुख बिंदु:
✔ अतिक्रमण का संदर्भ:
- 1960 में रामगंगा बांध परियोजना के लिए वन विभाग ने सिंचाई विभाग को भूमि दी थी।
- परियोजना के पूरा होने के बाद बची हुई भूमि वन विभाग को लौटानी थी।
- लेकिन कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारी और ठेकेदार वहां अवैध रूप से बसे रहे।
✔ सरकारी कार्रवाई:
- सुप्रीम कोर्ट और NGT के निर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।
- डीएम पौड़ी आशीष चौहान ने हाईकोर्ट में स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई कानूनी निर्देशों के तहत हो रही है।
✔ स्थानीय लोगों की अपील:
- 213 अतिक्रमणकारियों ने पुनर्वास की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
- हाईकोर्ट ने उनकी पुनर्वास संबंधी मांगों को सुनने के लिए 17 फरवरी की अगली तारीख तय की है।
इस मुद्दे का महत्व:
- पर्यावरण संरक्षण: जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैसे संरक्षित क्षेत्र के आसपास अतिक्रमण वन्यजीवों और पारिस्थितिकी के लिए खतरा है।
- कानूनी निष्पक्षता: सरकार को न्यायालय के निर्देशों के तहत कार्रवाई करनी होती है, लेकिन प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर भी विचार करना जरूरी है।
- प्रशासनिक सख्ती: यह कार्रवाई उत्तराखंड सरकार के भूमि अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत भी महत्वपूर्ण है।