राजधानी क्षेत्र में बीते दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से शहर के सभी नाले लबालब बह रहे हैं, सड़कों पर भी पानी नहर की तरह बह रहा है, टपकेश्वर मंदिर, सहजधारा, रिसपना और अन्य स्थानों पर बारिश के पानी ने रौद्र रूप दिखाया हुआ है। वहीं बारिश की वजह से जिले के सभी स्कूलों को बंद किया गया है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, चमोली जिले में लगातार बारिश की वजह से टोंस यमुना और गंगा में पानी उफान लिए हुए है। गंगा यमुना और शारदा खतरे के निशान पर ऊपर-नीचे हो रही हैं। जिसकी वजह से हरिद्वार और यूपी के जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ को अलर्ट मोड पर रखा हुआ है।
भारी बारिश की वजह से नैनीताल झील का पानी सड़कों पर आ जाने से उसके दो गेट खोल दिए गए हैं। जिसकी वजह से गौला नदी का जलस्तर बढ़ गया है और किच्छा तक लोगों को नदी किनारे से दूर रहने के लिए मुनादी की जा रही है।
भूस्खलन की वजह से उत्तराखंड की 152 सड़कें बंद हैं, जिन्हे खोले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। गौरीकुंड हादसे में लापता हुए 17 लोगों का अभी तक पता नहीं चला है। टिहरी जिले में दीवार गिरने से दो लड़कियों की मौत हुई है।
उत्तराखंड के सात जिलों में अभी भी येलो अलर्ट घोषित है। बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त है। यात्रा मार्गों में सन्नाटा पसरा हुआ है। उत्तराखंड में देहरादून और हल्द्वानी में पिछले चौबीस घंटों में दो सौ मिमी से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है, नैनीताल में 35 मिमी बारिश हुई है। मानसूनी नदियां, नाले, पानिंसे भरे हुए बह रहे हैं। बारह मासी नदियां गौला, राम गंगा, कोसी नदियां भी खतरे के निशान के पास पहुंची हुईं हैं।