उत्तराखंड के 21 मोटे अनाज और अन्य उत्पादों को जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग (जीआई टैग) मिलने जा रहा है। इस साल नवंबर में जीआई महोत्सव देहरादून में आयोजित होगा, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से ये टैग प्रदान किए जाएंगे।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड में मोटे अनाज को ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जा रहा है, जिसकी वजह से इसके स्वाद और पौष्टिकता में अंतर साफ दिखाई देता है। भारत सरकार ने उत्तराखंड के लाल चावल, झगोरा, गहथ दाल, काला भट्ट दाल, चौलाई यानि रामदाना, मंडुवा, पहाड़ी तौर दाल, अल्मोड़ा की लाखौरी मिर्च को जीआई टैग की सूची में रखा है। इसके अलावा माल्टा, रामनगर देहरादून की लीची, रामगढ़ के आडू, बुरांश के शरबत को भी इस सूची में रखा गया है। जोशी ने बताया कि पांच हस्तशिल्प की वस्तुओं को भी जीआई टैग मिलने जा रहा है। देहरादून में 17 से 21 नवंबर तक जीआई महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश और राज्य के सभी कृषि विश्वविद्यालयों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। अपने राज्य के अन्य विश्वविद्यालय, पर्यटन विभाग, उद्यान और हार्टिकल्चर विभाग को भी आमंत्रित किया गया है।