उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी गई है। उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे नए युग का शुभारंभ बताया है। सीएम धामी ने UCC जुड़ी सेवाएँ लेने के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया है।
देहरादून में सोमवार (27 जनवरी, 2025) को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में UCC पोर्टल लॉन्च करके इसके लागू होने की घोषणा की है। उन्होंने बताया है कि उत्तराखंड में भाजपा ने 2022 के चुनाव में यह वादा किया था और पूरा भी कर दिया।
पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर कहा, “UCC किसी धर्म और पंथ के खिलाफ नहीं है। बार-बार दावा होता है कि किसी को निशाने पर लिया जा रहा है। ऐसा नहीं है। यह समाज से कुप्रथाओं को मिटा कर समानता और समरसता स्थापित करने का कानूनी प्रयास है। इससे केवल कुप्रथाओं को खत्म किया गया है।”
CM धामी ने इसे कानूनी मामले में भेदभाव को अंत करने का उपाय बताया है। उन्होंने कहा कि इससे महिला सशक्तिकरण भी होगा और बालविवाह, तीन तलाक और हलाला जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाई जा सकेगी। उन्होंने UCC सेवाओं के लिए तैयार किए गए पोर्टल ucc.uk.gov.in का भी शुभारम्भ किया है।
जो कहा, वो किया !
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री @AmitShah जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने आज उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दिया है। आज का दिन उत्तराखण्डवासियों के साथ ही समस्त देशवासियों के लिए भी… pic.twitter.com/VmcNSUVsiC
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 27, 2025
इस पोर्टल पर राज्यवासी विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशनशिप, इसे तोड़ने और विरासत जैसी सेवाओं का फायदा ले पाएँगे। इसके लिए राज्य कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी गई है और विशेष अधिकारी तैनात किए गए हैं। उत्तराखंड में UCC को फरवरी, 2024 में विधानसभा में मंजूरी मिली थी।
उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को ऑनलाइन इसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसे खत्म करने की भी सूचना देनी होगी। यदि ऐसा नहीं होता तो जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा विवाह का भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
UCC आने के बाद मामा-मौसी आदि की बेटी से निकाह समेत 4 निकाह पर भी रोक लग जाएगी। UCC के तहत राज्य में अब बेटियों को भी सम्पत्ति का भी हिस्सा मिलेगा। UCC में तलाक को लेकर भी नियम बनाए गए हैं। हलाला पर भी रोक लगेगी। राज्य में लागू किए गए कई प्रावधानों से जनजातीय समुदायों को छूट दी गई है।