केदारनाथ त्रासदी को आए 10 साल बीत गए, लेकिन आज भी 3183 तीर्थ यात्रियों का अता पता नहीं चल पाया। केदारनाथ में आई 16 जून 2013 की प्रलय के जख्म आज भी ताजा है। जानकारी के मुताबिक पुलिस-प्रशासन की जांच पड़ताल में आज भी 3183 लोग गुमशुदा हैं, जो केदारनाथ आए थे और वापस अपने घर नहीं पहुंचे।
पुलिस-प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक 1840 एफआईआर ऑनलाइन दर्ज की गई थी, जिनकी जांच हुई और 1256 एफआईआर को सही पाया गया। केदारनाथ हादसे के बाद अभी तक 703 मानव अवशेष या कहें कंकाल मिले, जिनका डीएनए करवाकर उनका दाह संस्कार किया गया। बहुत से परिवार आज भी अपने के आने के इंतजार में हैं। सनातन मान्यता भी यही रही है कि जब तक किसी व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं हो जाता उसका इंतजार किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि केदारनाथ हादसे में केदारपुरी, सोनप्रयाग, विजय नगर आदि की भौगौलिक सूरत ही बदल डाली थी। केदारनाथ में बादल और ग्लेशियर फटने के बाद मंदाकिनी गंगा के रौद्र ने हजारों तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों की जान ले ली थी। तबाही के मंजर ने भारी नुकसान किया, बावजूद इसके बाबा केदार का मंदिर ज्यों का त्यों खड़ा रहा।