सरकारी वन भूमि पर अवैध रूप से बसे लोगों को हटाने के लिए वन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। उत्तराखंड में 23 नदियों के किनारे अतिक्रमण चिन्हित हैं, ये वो नदियां हैं, जहां खनन का काम होता है और इसकी देखरेख निगम करते हैं।
नोडल अधिकारी डॉ पराग धकाते के मुताबिक खनन वाली 23 नदियों में बरसात के समय खनन का काम बंद हो जाता है और यहां काम करने वाले मजदूर श्रमिक नदी क्षेत्र को छोड़कर चले जाते हैं। पिछले कुछ सालों से ये श्रमिक यहां कब्जा करके बैठ गए हैं, जिन्हें अब वन विभाग हटाने का काम शुरू कर चुका है। हम मुनादी करवा रहे हैं कि ये खुद स्थान छोड़ दें, यदि नहीं छोड़ेंगे तो हम इन्हें बलपूर्वक हटा देंगे।
रामनगर में तराई वेस्ट डिवीजन में डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि 140 एकड़ लैंड हमने एक ही दिन में खाली करवा ली है और कार्रवाई जारी रहेगी। उत्तराखंड की अन्य नदियों में भी ये कार्रवाई तेजी से शुरू हो गई है, जिसके बाद से अतिक्रमणकारियों में दहशत है।
उधर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि वन भूमि से चिन्हित कर अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए। उन्होंने कहा है कि देवभूमि के सनातन स्वरूप के साथ छेड़छाड़ को हमारी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। उल्लेखनीय है उत्तराखंड में करीब तीस हजार हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध रूप से लोगों के बसने के मामले चिन्हित हुए हैं, जिन्हें उत्तराखंड की धामी सरकार हटाने का अभियान शुरू कर चुकी है।