जिस काम को करने का साहस कोई भी पिछली उत्तराखंड सरकार नहीं जुटा पाई उसे वर्तमान सरकार ने पूरा कर दिया। नैनीताल में हाईकोर्ट के पास करीब 300 करोड़ की शत्रु संपत्ति को शनिवार को खाली करवा लिया गया। गृह मंत्रालय की भूमि से ये अतिक्रमण हटाने की प्रकिया की मॉनिटरिंग खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करते रहे। नैनीताल में होटल मेट्रोपोल और उससे जुड़ी करोड़ों रुपये की शत्रु संपत्ति है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। इस पर 134 परिवारों ने कब्जा किया हुआ था। मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति ने इस संपत्ति को खाली करवाने का कभी जोखिम नहीं उठाया। पंद्रह सौ वोटों की लालच में कांग्रेस ने यहां अवैध रूप से बसे बाहरी लोगों को हटाने का काम नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि इस कब्जे की आड़ लेकर इनके और भी रिश्तेदार गर्मियों के सीजन में यहां आकर धंधे में जुटने लगे।
केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्तियों की सूची निकलवाई और सर्वे का काम शुरू करवाया, जिसमें उत्तराखंड में नैनीताल, देहरादून, किच्छा और हरिद्वार की शत्रु संपत्तियां चिन्हित की गईं। गृह विभाग चूंकि सीएम धामी के पास ही है लिहाजा उन्होंने नैनीताल में सीधे इस अभियान को अपने हाथ में लेकर पूरा करवाया। अवैध रूप से बसे कब्जेदारों को जिला प्रशासन ने नोटिस दिया, पर्याप्त समय दिया कि वो खुद इस कब्जे को छोड़कर चले जाएं। अवैध कब्जेदार हाईकोर्ट भी गए, जहां उन्हे कोई राहत नही मिली। हाईकोर्ट के द्वारा याचिका खारिज होते ही जिला प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस फोर्स का फ्लैग मार्च करवाते हुए धारा 144 लगाकर बुलडोजर खड़े कर दिए और मुनादी करवा कर खुद ये कब्जे खाली करने का अंतिम अवसर दे दिया।
इस सख्त घोषणा के जारी होते ही अवैध कब्जेदारों ने खुद मकान खाली करने शुरू कर दिए और अपना सामान जीपों में भरकर ले जाने लगे। प्रशासन ने कब्जेदारों को टीन टप्पड़ भी हटाने का समय दिया, जिसके बाद अतिक्रमणकारियों ने खुद ही अपना सामान समेटना शुरू कर दिया। कब्जेदारों के कब्जे छोड़ते ही जेसीबी और बुल्डोजर ने अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने का काम शुरू कर दिया। इस दौरान धारा 144 लगे होने की वजह से किसी भी बाहरी व्यक्ति को वहां फटकने नहीं दिया गया।