हिंदू सिखों के तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब और श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट इन सर्दियों के लिए 11 अक्टूबर के दिन बंद होने जा रहे हैं। इस आशय की घोषणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स. चरणजीत सिंह बिंद्रा ने की है। श्री हेमकुंड को उत्तराखंड के पवित्र धाम के रूप में जाना है। हर साल यहां लाखों की संख्या में हिंदू सिख तीर्थ यात्री पहुंचते हैं। इन दिनों भी ऑक्सीजन की कमी की वजह से गुरुद्वारे में सुबह बारह बजे के बाद तीर्थ यात्रियों को वहां रुकने नहीं दिया जाता।
गुरुद्वारे के कपाट शरद ऋतु में 11 अक्टूबर को बंद किए जा रहे हैं। मौसम विभाग और जिला प्रशासन की सहमति के आधार पर गुरुद्वारा कमेटी निर्णय लेती रही है। दुनिया में सबसे ऊंचे देवभूमि हिमालय स्थल में स्तिथ श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट बंद होने की सूचना जारी होते ही यहां आने वाले सिख तीर्थ यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है। रोजाना करीब तीन से चार हजार तीर्थ यात्रियों का यहां आना जाना हो रहा है।
गुरुद्वारे के पास ही लक्ष्मण जी का मंदिर है, दोनों के कपाट एक साथ बंद और खुलते रहे हैं। इन तीर्थ स्थलों के कपाट बंद होने के बाद ये ग्लेशियर स्थल और झील अगली मई माह तक बर्फ से ढकी रहती है। पूरा गुरुद्वारा बर्फ में दबा रहता है। इसलिए वहां सुरक्षा संरक्षण के पर्याप्त उपाय भी किए जाते हैं। इस साल करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने पावन गुरुघर में हाजिरी लगाई है। इन दिनों फूलों की घाटी में भी प्राकृतिक फूल खिले हुए हैं, जिसकी वजह से यहां भी पर्यटकों की खूब रौनक है। वहीं फूलों की घाटी इस माह के अंत तक बंद हो जाने के संकेत वन विभाग ने दिए हैं।