राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत अपने चार दिन के उत्तराखंड प्रवास के पश्चात नागपुर रवाना हो गए हैं। डॉ भागवत कल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपना मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
पहली बार उत्तराखंड सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में प्रचारक बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे डॉ भागवत ने विभिन्न सत्रों में हिस्सा लिया और संघ के शताब्दी वर्ष के दौरान संघ कार्यों के और अधिक विस्तार दिए जाने पर विचार मंथन किया। संघ ने शताब्दी वर्ष में स्वदेशी, सामाजिक समरसता सद्भाव, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, नागरिक कर्तव्य और क़ुटुब प्रबोधन विषयों को जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। प्रतिदिन सुबह प्रचारकों के साथ शाखा लगाकर डॉ भागवत ने शाखाओं के महत्व का भी संदेश स्वयं सेवकों को दिया।
डॉ भागवत ने अपने प्रवास में मुवानी में विद्याभारती द्वारा संचालित शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार विद्यालय के नव निर्मित भवन के लोकार्पण करने को भी स्थानीय लोगों ने आरएसएस की सुदूर ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय परम्पराओं की शिक्षा, बच्चों को उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने पौधा रोपण कर हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में काम करने के लिए स्वयंसेवकों को प्रेरित किया।
डॉ भागवत से पूर्व इस सीमांत जनपद में परमपूज्य गुरु जी और श्री बाला साहेब देवरस का आगमन हुआ था। डॉ भागवत ने अल्मोड़ा तक ही अभी तक अपने प्रवास किए जाने का जिक्र किया था। डॉ भागवत ने स्थानीय ऑर्गेनिक उत्पादों में भी अपनी गहरी रुचि दिखाई और अपने भोजन में स्थानीय श्री अन्न को भी शामिल किया।
संघ के लिए उत्तराखंड का महत्व:
- भौगोलिक स्थिति: उत्तराखंड सीमांत राज्य है, जिसकी सीमाएँ चीन और नेपाल से लगती हैं। संघ यहाँ राष्ट्रवाद और सुरक्षा के दृष्टिकोण से विशेष महत्व देता है।
- सांस्कृतिक पहचान: उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण, गौ संरक्षण, और धार्मिक आस्था जैसे विषयों को संघ के अभियानों के साथ जोड़ा जा सकता है।
संभावित प्रभाव:
- डॉ. भागवत का प्रवास संघ कार्यकर्ताओं और प्रचारकों को प्रेरित करेगा।
- शताब्दी वर्ष के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ठोस योजनाएँ तैयार होंगी।
- उत्तराखंड में संघ के कार्यों को और विस्तार मिलेगा, विशेषकर सीमांत क्षेत्रों में।
डॉ. भागवत का यह प्रवास संघ के भविष्य के कार्यों को गति देने और संगठन की प्राथमिकताओं को समाज तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।