आज वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर हरिद्वार में लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित किया। तड़के सुबह से ही हर की पैड़ी, मालवीय घाट, सुभाष घाट समेत अन्य पवित्र घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही सूर्यदेव की पहली किरण निकली, वैसे ही गंगा में डुबकी लगाने और सूर्य को अर्घ्य देने का क्रम शुरू हो गया।
सनातन परंपरा के अनुसार पुण्य स्नान
पूर्णिमा और अमावस्या के दिन गंगा स्नान की सनातन परंपरा को निभाते हुए श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की जटाओं से होकर गंगा के धरती पर आगमन की स्मृति में इस दिन स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, SSP ने संभाली कमान
हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने विशेष सुरक्षा प्रबंध किए। एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल स्वयं CCTV कैमरों से निगरानी करते दिखे और उन्होंने संवेदनशील स्थलों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। यातायात, पार्किंग, भीड़ प्रबंधन और आपात स्थिति के लिए तैनात राहत दलों को सक्रिय रखा गया था।
अन्य तीर्थों पर भी पूजन और श्रद्धा के आयोजन
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ऋषिकेश, देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग में भी गंगा किनारे विशेष पूजा और स्नान का आयोजन हुआ।
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हरिपुर के जमुना घाट पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
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चारों धामों – बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में आज विशेष पूजा अर्चनाएं संपन्न हुईं।
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तिब्बती बौद्ध समुदाय ने बुद्ध पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जन्म दिवस के रूप में श्रद्धा और परंपराओं के साथ मनाया।
बौद्ध अनुयायियों का उत्सव
देहरादून और नैनीताल में बौद्ध अनुयायियों ने अपने मठों और मंदिरों में ध्यान, भिक्षु वंदना, दीपदान और विशेष पूजा के माध्यम से बुद्ध पूर्णिमा को श्रद्धापूर्वक मनाया।
“आज का दिन गंगा के दिव्य स्पर्श और भगवान बुद्ध के उपदेशों की स्मृति को जोड़ता है – शुद्धता, करुणा और आस्था की त्रिवेणी में डुबकी लगाने का दिन है।”