पिथौरागढ़ में प्रादेशिक सेना भर्ती: संघ और स्थानीय लोगों की दिल खोलकर मदद
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में चल रही प्रादेशिक सेना भर्ती में भाग लेने पहुंचे हजारों युवकों के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन गई। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और स्थानीय निवासियों ने युवाओं की मदद के लिए आगे आकर एक मिसाल पेश की।
RSS की पहल:
- भोजन व्यवस्था:
- संघ के कार्यकर्ताओं ने कई स्थान पर भोजन के स्टॉल लगाए, जहां युवाओं को मुफ्त या सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध कराया गया।
- सहयोग का आह्वान:
- RSS के आह्वान पर पिथौरागढ़ के स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में मदद के लिए आगे आए।
स्थानीय निवासियों की भूमिका:
- रहने का प्रबंध:
- स्थानीय लोगों ने अपने घरों के दरवाजे और आंगन युवाओं के लिए खोल दिए।
- दुकानों और घरों में युवकों ने रात बिताई, ताकि वे सर्दी के मौसम में खुले आसमान के नीचे न सोएं।
- खाने-पीने की व्यवस्था:
- निवासियों ने अपनी क्षमता के अनुसार युवाओं के लिए भोजन और चाय का प्रबंध किया।
- दुकानदारों ने सस्ती दरों पर भोजन और चाय बेचकर सहयोग दिया।
युवाओं के लिए राहत:
- युवकों ने जताया आभार:
- खुले आसमान के नीचे ठंड में सोने की मजबूरी खत्म होने से युवाओं ने राहत की सांस ली और स्थानीय निवासियों और संघ का आभार व्यक्त किया।
- भाईचारे और सहयोग की मिसाल:
- यह घटना समाज के सामूहिक प्रयास और परोपकार की बेहतरीन मिसाल बन गई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य हिंदू वादी संगठनों ने जगह-जगह भंडारे स्थल बनाए और युवकों को भोजन-पानी और चाय की व्यवस्था की। उल्लेखनीय है कि पिथौरागढ़ में ज्यादातर परिवार भी सेना से रिश्ते रखते हैं। इस लिए उनके मन में इन युवाओं के प्रति पूरा स्नेह दिखाई दिया। इस समय शहर में करीब बीस हजार युवा आए हुए हैं जो कि प्रादेशिक सेना के लिए अपनी शारीरिक परीक्षा दे रहे हैं।