कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। शुरू में कॉलेज प्रशासन कहा कि यह आत्महत्या का मामला है। हालाँकि, जाँच में कहानी अलग निकली। यह पहली बार नहीं है कि इस कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इस तरह की घटना हुई है। लगभग 23 साल पहले ऐसा ही एक मामला सामने आया था।
मामला 25 अगस्त 2001 का है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चौथे वर्ष के छात्र सौमित्र बिस्वास का शव हॉस्टल के उसके कमरे में लटका हुआ मिला था। तब अधिकारियों ने दावा किया था कि यह आत्महत्या का मामला है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा किया गया यह ऐसा ही दावा था, जो महिला डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में शुरू में उसने किया था।
हालाँकि, सौमित्र के परिजन इसे आत्महत्या मानने को तैयार नहीं थे। मेडिकल कॉलेज प्रशासन के दावे के खिलाफ सौमित्र बिस्वास के परिजन कलकत्ता उच्च न्यायालय गए और जाँच की माँग की। कलकत्ता हाई कोर्ट ने उनकी माँग को स्वीकार करते हुए इस मामले की सीआईडी से जाँच कराने का आदेश दे दिया। इस मामले में मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा औरोमिता दास को गिरफ्तार किया गया था।
हालाँकि, पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी इस मामले में ज्यादा प्रगति नहीं कर सकी और यह मामला अभी भी अनसुलझा है। पुलिस ने सीपीएम की छात्र शाखा एसएफआई के कई सदस्यों से पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका। दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉ़स्पिटल कोलकाता के सबसे अच्छे मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में से एक माना जाता है।
सौमित्र की माँ ने आरोप लगाया था कि मेडिकल कॉलेज में उनके बेटे के दोस्त उसकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि उसने कथित तौर पर परिसर में अश्लील गतिविधियों को देखा था। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कॉलेज के कई छात्रों ने सौमित्र बिस्वास की मौत के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कथित पोर्न रिंग को जिम्मेदार ठहराया था।
मीडिया से बात करते हुए उस समय आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने सौमित्र बिस्वास की ‘हत्या’ के लिए परिसर में पोर्नोग्राफी एवं वेश्यावृत्ति नेटवर्क और महिलाओं के साथ संदिग्ध व्यवहार का आरोप लगाया था। छात्रों ने दावा किया था कि सौमित्र की ‘हत्या’ की गई थी और इसके मास्टरमाइंड राज्य के डॉक्टरों का गिरोह था।
छात्रों का दावा था कि सौमित्र की हत्या को छात्रावास के भीतर अंजाम दिया गया। सौमित्र मेडिकल कॉलेज के बगल में स्थित ललित मेमोरियल हॉस्टल के अपने कमरे में छत से लटका हुआ पाया गया था। उसके सहयोगियों ने दावा किया था कि सौमित्र ने कई हॉस्टल के कमरों में अश्लील तस्वीरें और वीडियो शूट करने के घिनौने काम को उजागर करने की कीमत चुकाई।
छात्रावास के ही उसके एक साथी ने कहा था, “सौमित्र हम सभी की तरह इसके बारे में जानता था, लेकिन न तो उसमें और न ही हम में से किसी में इसे चुनौती देने की हिम्मत थी। लेकिन, सौमित्र के एक करीबी दोस्त एवं उसके बैचमेट को इस गिरोह द्वारा पीड़ित किया गया और उसका चेहरा किसी महिला के नंगे शरीर के साथ जोड़ दिया गया। इसके बाद सौमित्र खुद को रोक नहीं सका।”
उनके अनुसार, शूटिंग मुख्य रूप से सप्ताह के अंत में सेक्स वर्करों को हॉस्टल में बुलाकर की जाती थी। जब कोई सेक्स वर्कर नहीं मिलती थी तो वे पढ़ाई के लिए अस्पताल में लाए गए शवों का इस्तेमाल करते थे। फिर वे शवों की नग्न तस्वीरों पर मॉडल के चेहरे लगाते थे। उनका कहना था कि यह एक बड़ा रैकेट है, जिसे एक राजनेता का समर्थन मिला था।
उसी कॉलेज के फोर्थ ईयर के एक छात्र ने बताया था कि अस्पताल के क्लासरूम, सेमिनार रूम और हॉस्टल के कमरों में पोर्न वीडियो की शूटिंग की गई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सब पता था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। इतना ही नहीं, बदमाशों ने सेक्स वर्करों के साथ बनाए गए वीडियो पर मेडिकल कॉलेज की छात्राओं के चेहरे की तस्वीरें लगाई थीं।
उस छात्र ने दावा किया था कि जब सौमित्र की गर्लफ्रेंड की तस्वीर का भी इस तरह से इस्तेमाल किया गया तो उसने गिरोह का विरोध किया था और आखिरकार उसकी मौत हो गई। सौमित्र ने अपनी बैचमेट औरोमिता दास को कुछ पुरुषों द्वारा की गई शरारत के बारे में बताया था। जन्मदिन पर ली गई उसकी तस्वीरों में से उसका चेहरा इस्तेमाल करके नग्न शवों पर लगा दिया गया था।
इसके बाद इन तस्वीरों को साझा शेयर कर दिया गया था। बाद में औरोमिता दास को पता चला कि यह सब उस व्यक्ति द्वारा किया गया था, जिसके प्रणय निवेदन को वह पहले ठुकरा चुकी थी। छात्र ने यह भी दावा किया था कि ऐसा करने वाले लड़कों से मिलकर सौमित्र ने उन्हें डाँटा था और इसके बारे में लोगों को बताने की चेतावनी दी थी। इससे वह गिरोह उसकी मौत का कारण बन गया।
इन आरोपों को इस तथ्य से बल मिला कि छात्रावास के एक कमरे में ट्राइपॉड और रिफ्लेक्टर पाए गए थे। इनका इस्तेमाल पोर्न वीडियो शूट करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। छात्रों ने पुष्टि की थी कि उस कमरे का उपयोग अक्सर शूटिंग के लिए किया जाता था। हालाँकि, जाँच के दौरान कमरे की तलाशी भी नहीं ली गई।