प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत झारखंड और पश्चिम बंगाल में एक व्यापक छापेमारी अभियान चलाया। यह कार्रवाई झारखंड में चुनाव से ठीक एक दिन पहले की गई, जिससे इस जांच का राजनीतिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से भी महत्व बढ़ गया है। ईडी की टीमों ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें सीमा पार से कथित अवैध वित्तीय गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया गया।
ED raids multiple places in Jharkhand, West Bengal in money laundering probe linked to Bangladeshi infiltration
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— ANI Digital (@ani_digital) November 12, 2024
रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने इस साल 6 जून को रांची के बरियातू पुलिस स्टेशन में दर्ज एक कथित बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले को भी अपने हाथों में ले लिया है। इस मामले में ईडी अब वित्तीय लेन-देन और लॉजिस्टिक नेटवर्क के सभी पहलुओं की जांच करेगी, ताकि यह समझा जा सके कि इस अवैध गतिविधि के पीछे कौन लोग या संगठन हैं और उनके द्वारा किस प्रकार का वित्तीय नेटवर्क संचालित किया जा रहा है।
ईडी की यह कार्रवाई झारखंड में जारी चुनावी माहौल के बीच हो रही है, और इसके संभावित राजनीतिक परिणामों पर भी नजर रखी जा रही है। यह छापेमारी सुरक्षा और अवैध घुसपैठ से जुड़े मामलों पर केंद्र सरकार के बढ़ते रुख का संकेत भी देती है।
#WATCH | The Enforcement Directorate is carrying out raids at more than a dozen locations across Jharkhand and West Bengal in connection with a money laundering case linked to Bangladeshi infiltration
(Visuals from Ranchi) pic.twitter.com/SFnRvWR2NR
— ANI (@ANI) November 12, 2024
क्यों और कैसे बने अवैध बांग्लादेशी देश के लिए खतरा?
खुफिया एजेंसियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ताजा कार्रवाइयों ने सीमा पार से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ और उसके पीछे के सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे बांग्लादेश सीमा से लगे राज्यों में सक्रिय ये सिंडिकेट न केवल अवैध रूप से बांग्लादेशियों को भारत में प्रवेश करवाते हैं, बल्कि उन्हें फर्जी दस्तावेज़, जैसे आधार कार्ड, बनवाने में भी सहायता करते हैं। इसके लिए घुसपैठियों से मोटी रकम वसूली जाती है।
इस अवैध नेटवर्क की जड़ें भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रही हैं। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, ये घुसपैठिए आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़कर देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिशों में शामिल हो रहे हैं। हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने भी इस दिशा में कार्रवाई करते हुए नौ राज्यों में छापेमारी की, जिसमें पश्चिम बंगाल और बिहार भी शामिल थे। एनआईए की जांच में यह सामने आया कि ये बांग्लादेशी अल-कायदा के लिए फंडिंग का काम कर रहे थे और भारत में आतंकी गतिविधियों का नेटवर्क फैला रहे थे।
ईडी की वर्तमान छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू को लेकर की जा रही है, जिससे इन सिंडिकेट के वित्तीय नेटवर्क को नष्ट किया जा सके। इसके साथ ही, केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां इस नेटवर्क की पूरी तह तक जाने का प्रयास कर रही हैं ताकि अवैध घुसपैठ और उससे उत्पन्न खतरों को समाप्त किया जा सके।