प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान नकली नोटों को खपाने की साजिश का खुलासा करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने 19 नवंबर 2024 को वाराणसी के सारनाथ से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
मुख्य बिंदु:
- गिरफ्तारी और बरामदगी:
- मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश को गिरफ्तार किया गया।
- उनके पास से 1.97 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए।
- नकली नोटों की तस्करी प्रयागराज महाकुंभ के दौरान बड़े पैमाने पर खपाने की योजना थी।
- गिरोह का सरगना:
- गिरोह का सरगना जाकिर, जो पश्चिम बंगाल के मालदा का निवासी है, फरार है।
- जाकिर को नकली नोटों की सप्लाई बांग्लादेश से मिल रही थी।
- अपराध का नेटवर्क:
- सुलेमान और इदरीश बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले हैं।
- सुलेमान ने पहले मालदा में पंक्चर बनाने का काम किया, जहाँ वह जाकिर के संपर्क में आया।
- जाकिर उन्हें नकली नोट सप्लाई करता था, जिसे ये दोनों उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में वितरित करते थे।
- सुलेमान का आपराधिक इतिहास:
- सुलेमान को पहले भी बिहार पुलिस ने नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था और वह हाजीपुर जेल में 6 महीने तक बंद रहा।
- जांच और मामला दर्ज:
- ATS इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी ने इस मामले में सारनाथ थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
- ATS को उत्तर प्रदेश में नकली नोटों की तस्करी और उसमें मालदा के जाकिर और वैशाली के सुलेमान की संलिप्तता की सूचना काफी समय से थी।
साजिश के बड़े उद्देश्य:
- नकली नोटों के जरिए महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में आर्थिक अस्थिरता पैदा करने और वित्तीय व्यवस्था को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की जा रही थी।
- नकली नोटों की सप्लाई का बांग्लादेश कनेक्शन इस साजिश को अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ता है।
आगे की कार्रवाई:
- ATS अब जाकिर की तलाश कर रही है और पूरे रैकेट के अन्य सदस्यों और उनके बांग्लादेशी लिंक का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
- इस गिरफ्तारी से नकली नोटों के रैकेट पर कड़ा प्रहार हुआ है और आगामी महाकुंभ 2025 की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
19 नवंबर को एटीएस को सूचना मिली की कुछ लोग पश्चिम बंगाल से नकली नोटों की खेप ले कर वाराणसी में ट्रेन से उतरे हैं। पुलिस ने संदिग्धों की तलाश शुरू की। इसी दौरान दो लोग फरीदपुर बाइपास पर पिट्ठू बैग के साथ खड़े दिखे। पुलिस को देखते ही दोनों भागने लगे। पकड़े जाने के बाद पूछताछ में एक ने अपना नाम मोहम्मद सुलेमान अंसारी (67) बताया। उसके पास से मोबाइल फोन, पैन कार्ड, नकद और रेल टिकट बरामद हुआ। वहीं दूसरे ने अपना नाम इदरीश बताया। उसके पास से भी रेल टिकट और मोबाइल फोन बरामद किया गया।
तलाशी के दौरान इनके पास से 500-500 के नकली नोटों की गड्डियाँ बरामद हुईं। दोनों ने बताया कि 2 दिन पहले वे वैशाली से मालदा गए थे। यहीं जाकिर ने उन्हें करीब दो लाख मूल्य के नकली नोट दिए थे। 30 हजार रुपये मूल्य के असली नोट के बदले इन्हें 1 लाख रुपए मूल्य के नकली नोट मिलते थे।
पूछताछ में इन्होंने बताया कि नकली नोट मिलने के बाद वे अलग-अलग वाहनों से पश्चिम बंगाल से लौटे। वे ये नोट वाराणसी में खपाने वाले थे। इसके बाद जो नोट बच जाते उन्हें दोनों अगले साल जनवरी में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में खपाते। गिरफ्तारी से पहले दोनों रास्ते में चायपानी और छोटी-मोटी खरीदारी के लिए नकली नोट का इस्तेमाल भी कर चुके थे।