पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर की रेप-हत्या मामले में 40 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल पाया है। एक तरफ मृतिका के पिता ने इस मामले में ये कहकर और मामले को गहरा दिया है कि अपराध में और लोग भी शामिल हैं। तो वहीं दूसरी ओर अन्य जूनियर डॉक्टर भी सरकार से दो बार वार्ता करने के बावजूद प्रदर्शन खत्म करने का नाम नहीं ले रहे। उनका कहना है कि वो लोग बैठक में हुई बातचीत से नाखुश हैं।
मीडिया में आई जानकारी के अनुसार, जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें बैठक में जो भी आश्वासन दिए गए थे, वो उन्हें लिखित में नहीं मिले। जब उन्होंने ये मुद्दा उठाया तब बाद में उन्हें जो संक्षिप्त बिंदु भेजे गए उसमें हस्ताक्षर नहीं था।
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टरों के साथ ये बैठक राज्य सचिवालय में हुई। बैठक के बाद जब डॉक्टरों ने अपनी नाराजगी जाहिर की तो बैठक के मिनट जिसमें हस्ताक्षर नहीं हुए थे उन्हें सरकार द्वारा जारी किया गया।
#WATCH | A junior doctor says, " When the meeting was going on then Chief Secretary agreed with all our demands but after the meeting, when we were asking for minutes of the meeting, there was nothing about about our demands in the minutes…they did not focus on our… https://t.co/CUhhb5TIx0 pic.twitter.com/KCb33eOyhX
— ANI (@ANI) September 18, 2024
जूनियर डॉक्टर ने मीडिया को बताया कि जब हम बैठक के लिए गए तो चीफ सेक्रेट्री हमारी हर माँग को मान गए लेकिन जैसे ही मीटिंग पूरी हुई और हमने उस बैठक में हुई बातचीत के मिनट माँगे, तो उसमें कुछ भी नहीं लिखा था। उन्होंने हमें कहा कि वो उसे मेल करेंगे, लेकिन मेल भी नहीं आया है।
बताया जा रहा है कि डॉक्टरों और मुख्य सचिव के बीच हुई बैठक में जूनियर डॉक्टरों ने मुख्य स्वास्थ्य सचिव के विरुद्ध जाँच कमेटी गठित करने की माँग की है। इसके अलावा रात में महिला पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाने की माँग, विभागों में पैनिक बटन इंस्टाल करने की माँग और फौरन कार्रवाई के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने की माँग की गई है।
इससे पहले उन्होंने कोलकाता पुलिस कमीश्नर विनीत गोयल के ट्रांसफर की बात की थी। राज्य सरकार ने उस माँग को मानते हुए विनीत गोयल का ट्रांसफर किया और उनकी जगह मनोज कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को भी हटा दिया।
गौरतलब है कि एक तरफ इस मामले में ढीला रवैया दिखाने को लेकर तृणमूल कॉन्ग्रेस लगातार बदनाम हो रही है वहीं अब पार्टी के एक विधायक का विवादित बयान सामने आया है। तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक स्वप्न देबनाथ ने कहा कि महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के नाम पर रात को शराब पीने जाती हैं।
देबनाथ ने प्रदर्शन पर बैठी लड़कियों के माता-पिता से भी सवाल किया कि उन्हें अपनी बेटियों से पूछना चाहिए कि वे रात में कहाँ जाती हैं। अगर रात में उनके साथ कुछ हो जाएगा तो इसके जिम्मेदार भी कौन होगा। देबनाथ ने इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि वो टीवी पर देखते हैं कि जो लोग आरजी कर मामले में विरोध करते हैं वो अगले दिन छुट्टी पर चले जाते हैं। बाजार में दुर्गा पूजा के लिए व्यस्त हो जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन के सबसे प्रमुख चेहरे को इस बीच अपनी बीवी के लिए महंगी साड़ी खरीदने जाते देखा है।