राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी साजिश और फंडिंग से जुड़े मामले में देश के 8 राज्यों में 19 जगहों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की। इन कार्रवाईयों का उद्देश्य आतंकी संगठनों की साजिशों का पर्दाफाश करना और उनके वित्तीय तंत्र को ध्वस्त करना है।
NIA की कार्रवाई की प्रमुख बातें:
- छापेमारी स्थान और जब्त सामान:
- राजस्थान, असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में छापेमारी की गई।
- कार्रवाई के दौरान मोबाइल फोन, पेन ड्राइव, सीडी, हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए।
- मुख्य संदिग्ध:
- छापेमारी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शेख सुल्तान सलाहुद्दीन अयूबी और उसके सहयोगियों से जुड़ी थी।
- अयूबी को अक्टूबर 2024 में आतंकियों की भर्ती और कट्टरपंथी बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
- राजस्थान में महत्वपूर्ण कार्रवाई:
- डूंगरपुर में मौलाना मोहम्मद सलमान के घर छापेमारी।
- मौलाना सलमान से 7 घंटे तक पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया गया।
- मौलाना सलमान गुजरात के हिलोन का निवासी है और गलियाकोट में एक दरगाह से जुड़े मदरसे में पढ़ाता है।
- राज्यों में छापेमारी के स्थान:
- असम: ग्वालपाड़ा।
- महाराष्ट्र: औरंगाबाद, मुंबई, अमरावती।
- उत्तर प्रदेश: झाँसी, बरेली, देवबंद, सहारनपुर।
- बिहार: सीतामढ़ी।
- पश्चिम बंगाल: हुगली।
- जम्मू-कश्मीर: बारामूला, रियासी, बडगाम, अनंतनाग।
- राजस्थान: डूंगरपुर।
- गुजरात: मेहसाणा।
- मामले की गंभीरता:
- यह छापेमारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क और फंडिंग के खिलाफ NIA की बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है।
- एजेंसी को आतंकी गतिविधियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जाँच की जा रही है।
पृष्ठभूमि और संभावित खतरे:
- जैश-ए-मोहम्मद: यह संगठन भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, और इसका मकसद देश में अशांति फैलाना और युवाओं को कट्टरपंथी बनाना है।
- कट्टरपंथ और फंडिंग: हाल की कार्रवाई से संकेत मिलता है कि संगठन ने भारत में अपने नेटवर्क को सक्रिय बनाए रखने के लिए फंडिंग और कट्टरपंथी प्रचार तंत्र को मजबूत करने की कोशिश की है।
डूंगरपुर की एसपी मोनिका सेन ने बताया कि NIA की टीम गुरुवार (12 दिसंबर 2024) की सुबह करीब 4 बजे डूंगरपुर आई। इसके बाद चितरी थाना क्षेत्र में गलियाकोट स्थित मौलाना सलमान के घर पहुँचकर छापेमारी की। छापेमारी के साथ ही मौलाना से पूछताछ भी शुरू की गई। इसके बाद टीम मौलाना को साथ लेकर चितरी थाने पहुँची और उससे पूछताछ की।
वहीं, महाराष्ट्र में छापेमारी के दौरान NIA ने अमरावती, भिवंडी और संभाजीनगर से एक-एक शख्स को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। ये तीनों आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी एजेंसियों के संपर्क में थे। NIA पता करेगी कि उनके संपर्क में होने का इनका मकसद क्या था। उनके संपर्क में और कितने लोग हैं, इसकी भी जानकारी जुटाएगी।
NIA ने बिहार के सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी थाना क्षेत्र के बाजपट्टी गोट में छापेमारी की। यहाँ से भी एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। उसके यहाँ टीम ने लंबे समय तक सर्च ऑपरेशन चलाया है और उससे लगभग 5 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान बिहार पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
उधर, उत्तर प्रदेश के झाँसी में मदरसा टीचर मुफ्ती खालिद के घर पर छापेमारी की गई। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। जब टीम ने मुफ्ती खालिद को ले जाने की कोशिश की तो स्थानीय मुस्लिमों ने एजेंसी की टीम को घेर लिया। टीम के साथ धक्का-मुक्की करके मौलाना छुड़ा लिया और उसे नजदीक के फातिमा मस्जिद में ले जाकर छिपा दिया।
इसके बाद NIA ने आसपास के इलाकों से भारी पुलिस बल को बुलाया और फिर मौलाना को अपने साथ ले गई। मौलाना को वहाँ से लेकर जाने में पुलिस, यूपी एटीएस और एनआईए की टीम को 3 घंटे का समय लग गया। कहा जाता है कि इस दौरान पुलिस और एआईए की टीम पर 200 लोगों की भीड़ ने हमला भी किया।
वहीं, खालिद को छुड़ाने के लिए उसके समर्थकों द्वारा पुलिस के साथ की गई धक्का-मुक्की के मामले में पुलिस ने 110 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी पर पुलिस टीम पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में महिलाओं को भी आरोपित बनाया गया है। मुफ्ती खालिद शहर काजी साबिर अंसारी का भतीजा है।