प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शेख शाहजहां और उसके भाई आलमगीर के खिलाफ जमीन घोटाले में चार्जशीट दाखिल की है. शाहजहां और उसके भाई के अलावा उनके एक बेहद करीबी शिव प्रसाद हाजरा, दीदार बख्श मौला का नाम भी चार्जशीट में जोड़ा गया है. हाल ही में इन सभी की करीब 14 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की गई थी. इस मामले में 4 लोगों की गिरफ्तारी के साथ ईडी ने 288 करोड़ प्रोसिड ऑफ क्राइम चिह्नित की है.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के निलंबित नेता शेख शाहजहां ने संदेशखाली और उसके आस-पास की 180 बीघा जमीनों पर कब्जा कर 261 करोड़ रुपये बनाए. 113 पेज की चार्जशीट में शाहजहां के भाई शेख आलमगीर और उसके सहयोगी दीदार बख्श मौला और शिव प्रसाद हाजरा का नाम भी शामिल है. इन चारों ने मिलकर संदेशखाली के आस-पास की जमीनों को कब्जाया और लोगों को धमकाने का भी काम किया.
ईडी ने 56 दिनों में दाखिल की चार्जशीट
चार्जशीट में सीबीआई छापे के बाद संदेशखाली से बरामद हथियारों का भी जिक्र है. एक वरिष्ठ ईडी अधिकारी ने कहा, “ईडी द्वारा मामले की जांच अपने हाथ में लेने के 56 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल की गई है. जमीन कब्जाने और रंगदारी के आरोपों की जांच की प्रक्रिया अभी भी जारी है. हमने अपराध की आय के तौर पर जिस 261 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया है, उसमें से ईडी 27 करोड़ रुपये जब्त करने में सफल रही है.”
17 मई को ईडी ने जानकारी दी कि शाहजहां के 17 बैंक खातों से तीन करोड़ 78 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। इसके अलावा, एक करोड़ रुपये की 55 अचल संपत्तियां भी जब्त की गई हैं। ईडी ने कहा कि शाहजहां के अलावा, शेख आलमगीर, शेख सुमैया हाफिजिया ट्रस्ट (शेख आलमगीर द्वारा प्रतिनिधित्व), अब्दुल अलीम मोल्ला, शिवप्रसाद हाजरा और अन्य के पास भी अचल संपत्तियां हैं। ईडी ने यह भी कहा कि जब्त की गई अचल संपत्तियों में 38.90 बीघे जमीन भी शामिल है। इसकी बाजार कीमत 10 करोड़ 50 लाख रुपये है।
न्यायिक हिरासत में है शेख शाहजहां
ईडी ने मार्च में शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से ही वह न्यायिक हिरासत में है. उसके भाई आलमगीर पर आरोप है कि जब ईडी की टीम संदेशखाली में 5 जनवरी को छापेमारी करने पहुंची तो उसके कहने पर ही हमला किया गया था. वह इस मामले में मुख्य आरोपी है. सीबीआई ने उसे इस मामले में गिरफ्तार किया था.
संदेशखाली में एक महिला के साथ कथित बलात्कार की शिकायत के बाद राज्य पुलिस ने फरवरी में शिव प्रसाद को उसके सहयोगी उत्तम सरदार के साथ गिरफ्तार किया था.