पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर की गली में घुसपैठ करते हुए शुक्रवार (21 जुलाई 2023) को एक व्यक्ति को कोलकाता पुलिस ने पकड़ा। इस व्यक्ति की पहचान शेख नूर आलम के तौर पर हुई है। उसके पास से बंदूक, चाकू सहित कई आपत्तिजनक चीजें मिली है। वह पुलिस की स्टीकर लगी गाड़ी में सवार था। साथ ही नशे की हालत में था।
कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर के पास से पकड़े जाने के बाद नूर आलम को स्थानीय थाने में रखा गया है। पुलिस, एसटीएफ और स्पेशल ब्रांच उससे पूछताछ कर रही है। उसके पास से अलग-अलग एजेंसियों के आईडी कार्ड भी मिले हैं।
West Bengal | Kolkata Police Commissioner Vineet Goyal says, "Kolkata Police has intercepted one person, identified as Sheikh Noor Alam, near CM Mamata Banerjee’s residence while he was trying to enter the lane. One firearm, one knife & contraband substances found on him besides…
— ANI (@ANI) July 21, 2023
गोयल ने बताया, “कोलकाता पुलिस ने सीएम ममता बनर्जी के आवास के पास से एक व्यक्ति को पकड़ा है। उसकी पहचान शेख नूर आलम के रूप में हुई है। वह मुख्यमंत्री के आवास वाली गली में घुसने की कोशिश कर रहा था। उसके पास से एक बंदूक, एक चाकू और अन्य आपत्तिजनक चीजों के अलावा विभिन्न एजेंसियों के कई आईडी कार्ड मिले हैं। वह पुलिस का स्टीकर लगी कार में सवार था। पुलिस, एसटीएफ और स्पेशल ब्रांच स्थानीय थाने में उससे पूछताछ कर रही है।”
नूर आलम को ऐसे वक्त में पकड़ा गया है, जब सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ‘शहीद दिवस’ पर कोलकाता में रैली कर रही है। इसमें शामिल होने के लिए राज्य भर से पार्टी के कार्यकर्ता कोलकाता आए हुए हैं। 21 जुलाई 1993 को पुलिस फायरिंग में मारे गए यूथ कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं की याद में टीएमसी हर साल इस तारीख को ‘शहीद दिवस’ के तौर पर मनाती है। ममता ने कॉन्ग्रेस से अलग होकर ही टीएमसी की स्थापना की थी।
इस रैली से पहले बंगाल में टीएमसी गुंडों की हिंसा भी चर्चा में है। हावड़ा के पांचला में 8 जुलाई 2023 को पंचायत चुनाव की एक महिला उम्मीदवार को नंगा कर गाँव में घुमाने का मामला सामने आया है। महिला ने अपनी शिकायत में टीएमसी के कई नेताओं को नामजद किया है। बीजेपी का दावा है कि इस मामले में पुलिस शुरुआत में एफआईआर भी दर्ज करने को तैयार नहीं थी। गौरतलब है कि 8 जुलाई को ही बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए मतदान हुआ था। यह चुनाव अपने नतीजों से ज्यादा हिंसा को लेकर चर्चा में रहा था।